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लाल किले से पाकिस्तान को चेतावनी

१५ अगस्त २०१०

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर आंतकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो बातचीत बहाली का फायदा नहीं होगा. स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से उन्होंने माओवादियों को बातचीत का न्योता दिया.

लाल किले पर सातवीं बार मनमोहनतस्वीर: AP

प्रधानमंत्री ने कहा, "जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, तो हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे अपनी सरज़मीं का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने देंगे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर पाकिस्तान के साथ बातचीत में कोई प्रगति नहीं हो सकती." भारत ने 2008 में मुंबई के हमलों के बाद पाकिस्तान से हर तरह की बातचीत खत्म कर दी, जिसे हाल में बहाल किया गया. हालांकि भारत ने साफ किया है कि विदेश सचिव और फिर विदेश मंत्री स्तर की बातचीत को समग्र वार्ता की बहाली न समझा जाए.

भारत के 64वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से मनमोहन सिंह ने एक बार फिर माओवादियों की तरफ शांति का हाथ बढ़ाया. उन्होंने माओवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़ बातचीत की मेज पर आने को कहा ताकि देश के आदिवासी इलाकों के सामाजिक और आर्थिक विकास की रफ्तार तेज हो सके.

उन्होंने फिर माओवाद को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया. साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी साफ किया जो लोग हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ेंगे, उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकारों को हर तरह की मदद दी जाएगी.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार हमेशा सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखेगी और अल्पसंख्यकों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी. महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि खासकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ जाने के बाद सरकार के पास डीजल और पेट्रोल महंगा करने के सिवाय कोई चारा नहीं बचा. उन्होंने कहा, "पेट्रोलियम पदार्थों पर हर साल सब्सिडी बढ़ती जा रही है. इसलिए जरूरी हो गया कि डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाएं." उन्होंने माना कि महंगाई की सबसे ज्यादा मार गरीबों पर ही पड़ती है.

यह लगातार सातवां मौका है जब मनमोहन सिंह ने लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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