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लीबियाः नो फ्लाई जोन पर सहमति नहीं

१५ मार्च २०११

लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी विमानों से बमबारी कर अपने विरोधियों का दायरा लगातार समेट रहे हैं. देश पर नो फ्लाई जोन लागू करने पर अंतरराष्ट्रीय सहमति न बनना भी उनके हक में जा रहा है.

तस्वीर: dapd

लीबिया में गद्दाफी के विरोधी हफ्ते भर में लगभग 160 किलोमीटर पीछे धकेले जा चुके हैं. सोमवार को गद्दाफी समर्थक सेना ने विद्रोहियों के कब्जे वाले अजदाबिए शहर में बमबारी की. ऐसे में इस बात की संभावना लगातार बढ़ रही है कि जब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय लीबिया पर नो फ्लाई जोन लागू करने पर सहमत होगा, तब तक पूरे लीबिया पर गद्दाफी का फिर से नियंत्रण हो जाएगा.

तस्वीर: dapd

जी8 पर निगाहें

सोमवार को न्यूयॉर्क में 15 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और पैरिस में जी8 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में ऐसे किसी कदम पर सहमति नहीं बनी जिससे लीबियाई विद्रोहियों को राहत मिले. संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजदूत विताली चुरकिन ने कहा, "बुनियादी सवाल का जबाव मिलना अभी बाकी है. सवाल यह नहीं है कि हमें क्या करना है, बल्कि यह है कि कैसे करना है."

पैरिस में इटली के विदेश मंत्री फ्रांको फ्रैतिनी ने कहा कि जी8 की बैठक में यह राय उभर कर सामने आई कि सुरक्षा परिषद नो फ्लाई जोन के मुद्दे पर जल्द से जल्द बातचीत दोबारा शुरू करे. लेकिन समूह के विदेश मंत्री इस बारे में अपने मतभेदों को दूर नहीं कर पाए हैं. रूस और जर्मनी अब भी नो फ्लाई जोन के लिए अपनी मंजूरी देने को तैयार नहीं दिखते.

तस्वीर: dapd

गद्दाफी की सेना जीत की ओर

उधर टैकों और गोलाबारूद से लैस लीबिया सरकार के वफादार सैनिकों ने त्रिपोली के पश्चिम में 120 किलोमीटर दूर जुवाराह नाम के छोटे से कस्बे पर फिर से नियंत्रण कर लिया है. वे पूर्वी लीबिया की तरफ बढ़ रहे हैं जहां कई इलाकों पर अब भी विद्रोहियों का कब्जा बताया जाता है. उन्होंने रविवार को ब्रेगा पर कब्जा कर लिया और सोमवार को अजदाबिए में विद्रोही ठिकानों पर बम बरसाए. अजदाबिए ब्रेगा और विद्रोहियों के गढ़ बेनगाजी के बीच ही पड़ता है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उपायुक्त क्युंग व्हा कांग ने जिनेवा में एक बताया कि गद्दाफी की सेना आम लोगों पर हमले कर रही है. लोगों को हो रही तकलीफें इस बात का संकेत हैं वहां मदद की सख्त जरूरत है. लेकिन मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि त्रिपोली में मनमाने तरीके से हो रही गिरफ्तारियां और लोगों के गायब होने का सिलसिला जारी है, जिसके बीच लोगों की मदद का काम और मुश्किल हो रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः वी कुमार

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