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लीबियाई मंत्री का इस्तीफा, अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ा

२१ फ़रवरी २०११

प्रदर्शनकारियों पर बर्बर बल प्रयोग के कारण लीबिया पर दबाव बढ़ता जा रहा है. अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं. कई देशों में तैनात लीबियाई राजनयिक भी प्रदर्शनकारियों के साथ हुए. न्याय मंत्री ने भी पद छोड़ा.

गद्दाफी गद्दी छोड़ोतस्वीर: dapd

40 साल से ज्यादा समय से सत्ता में कायम मुआम्मर गद्दाफी के बेटे ने कहा है कि उनके पिता सड़क पर आखिरी प्रदर्शनकारी की मौजूदगी तक इस सरकार विरोधी मुहिम से निपटेंगे. कई शहरों के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शन अब राजधानी त्रिपोली भी पहुंच गए हैं. प्रदर्शनकारियों पर सरकार की कार्रवाई में अब तक 200 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है.

मंत्री का इस्तीफा

इस बीच खबर है कि प्रदर्शनकारियों पर हिंसा के विरोध में लीबिया के न्याय मंत्री मुस्तफा मोहम्मद अब्दुल अल जेलील ने इस्तीफा दे दिया है. लीबिया के निजी अख़बार कुरयान की वेबसाइट पर प्रकाशिक इस खबर की मंत्रालय से अभी पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि कुरयान का कहना है कि उसने मंत्रालय से टेलीफोन पर बात करने के बाद यह ही खबर दी है.

वैसे प्रदर्शनकारियों को कई सरकारी हल्कों से समर्थन मिल रहा है. भारत में लीबिया के राजदूत ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया है कि सरकार देश के नागरिकों पर हिंसा के लिए भाड़े के लड़ाकों को इस्तेमाल कर रही है. चीन में तैनात एक लीबियाई राजनयिक ने भी गद्दाफी सरकार की आलोचना करते हुए पद छोड़ दिया है.

सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अब तक 200 से ज्यादा जानें जा चुकी हैंतस्वीर: picture alliance / dpa

माल्टा में लीबियाई दूतावास के कई कर्मचारी भी सोमवार को प्रदर्शनकारियों के साथ आ खड़े हुए. खबरों के मुताबिक दूतावास के मुख्य सुरक्षा अधिकारी समेत तीन कर्मचारी प्रदर्शनकारियों के साथ हो लिए. दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि जो लोग प्रदर्शनों में शामिल हुए, उनमें कोई भी अधिकारी या राजनयिक स्तर का नहीं है. सभी छोटे पदों पर काम कर रहे लोग हैं.

अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा

इस बीच रूस ने लीबिया में सभी पक्षों से मौजूदा स्थिति का हल तलाशने की अपील की है जिससे हिंसा खत्म हो सके. विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, "हम लीबिया में सभी पक्षों से अपील करते हैं कि मौजूदा स्थिति का हल तलाशने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर वार्ता शुरू की जाए और जरूरी बदलावों को लागू किया जाए. हिंसा हर हालत में रुकनी चाहिए."

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी लीबिया को लेकर संभावित कदमों पर विचार कर रहे हैं. अमेरिकी सरकार ने गद्दाफी सरकार से अपील की है कि प्रदर्शनकारियों पर हिंसा प्रयोग न की जाए. सोमवार को गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सरकारी टीवी की इमारत को धावा बोला और उसमें आग लगी दी. सोमवार को ही गद्दाफी के बेटे ने सरकारी टीवी पर चेतावनी दी कि अगर विरोध प्रदर्शन नहीं रोके गए तो देश में गृह युद्ध शुरू हो जाएगा और खून की नदियां बह जाएंगी. ओबामा प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, "हम सैफ-अल-इस्लाम गद्दाफी के भाषण का विश्लेषण कर रहे हैं." ओबामा को उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने रविवार रात लीबिया के ताजा हालात की जानकारी दी.

41 साल से सत्ता में हैं गद्दाफीतस्वीर: AP

इस बीच लीबिया के कुछ तेल संयंत्रों में काम बंद हो गया है क्योंकि मजदूरों ने हड़ताल कर रखी है. बीपी समेत कई यूरोपीय कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को लीबिया से निकालना भी शुरू कर दिया है. बीपी के प्रवक्ता ने बताया, "हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और कुछ परिवारों और गैर जरूरी स्टाफ को अगले दो एक दिन में निकालने के लिए तैयारी कर रहे हैं."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उ भट्टाचार्य

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