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लीबियाई विद्रोहियों का एक और शहर पर कब्जा

५ मार्च २०११

लीबिया में विद्रोहियों ने पूर्वी शहर रास लानुफ से मुअम्मर गद्दाफी के वफादार सैनिकों को निकाल बाहर किया है. गद्दाफी को सत्ता से बाहर करने के लिए जूझ रहे विद्रोहियों का कहना है कि त्रिपोली पर नियंत्रण तक जंग जारी रहेगी.

विद्रोहियों की बढ़ती ताकततस्वीर: dapd

रास लानुफ से एक विद्रोही सैनिक ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "हमने रास लानुफ पर पूरी तरह नियंत्रण कर दिया है. गद्दाफी के वफादार सैनिक चले गए हैं." यह शहर भूमध्यीय सागर तट पर एक अहम तेल बंदरगाह है जिसमें कई तेल रिफाइनरीज भी हैं. रास लानुफ राजधानी त्रिपोली से 660 किलोमीटर दूर है. इससे पहले सरकार विरोधियों और समर्थकों में जमकर झड़प हुई. भारी गोला बारूद से लैस विद्रोहियों ने जमकर मोर्चा लिया. विद्रोहियों ने अपने ठिकानों पर गोलाबारी करने वाले हेलीकॉप्टरों को रायफलों से निशाना बनाया. एक हेलीकॉप्टर से एक मिसाइल दागी गई जो फटने में नाकाम रही.

जैसे जैसे लड़ाई तेज होती गई लड़ाके चिल्ला रहे थे, "ओबामा कहां हैं. हम उड़ान निषिद्ध क्षेत्र चाहते हैं." उनका इशारा उड़ान निषिद्ध क्षेत्र लागू करने की तरफ था जिसके बारे में अमेरिकी सरकार सोच रही है. सरकार विरोधी बेनगाजी, मिस्तारा, तोबरुक और अजदाबिए जैसे शहरों पर पहले ही नियंत्रण कर चुके हैं.

शुक्रवार को पूर्वी शहर अजदाबिए में अस्पताल में सैंकड़ों लोग जमा हो गए. रास लानुफ में लड़ने वाले लड़कों को इसी अस्पताल में लाया गया. अस्पताल के उपनिदेशक इब्राहिम सईद ने बताया, "रास लानुफ की लड़ाई में घायल हुए सात लोगों को अब तक यहां लाए गए हैं." अस्पताल सूत्रों का कहना है कि दो लोग मारे जा चुके हैं. उधर राजधानी त्रिपोली में विदेश उप मंत्री ने इस बात से इनकार किया है कि रास लानुफ पर विद्रोहियों का कब्जा हो गया है.

तस्वीर: picture alliance/dpa

इस बीच मुअम्मर गद्दाफी की सरकार ने अपने ऊपर लगाए गए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को खत्म करने की मांग की है. लीबियाई सरकार पर विरोधियों पर सरकारी कार्रवाई के कारण प्रतिबंध लगाए गए हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लीबियाई सरकार की तरफ से भेजे गए एक पत्र में कहा गया है कि विपक्षी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ "मामूली बल" का इस्तेमाल किया गया और सरकार प्रतिबंध लगाए जाने से हैरान है.

लीबियाई सरकार ने कहा है कि गद्दाफी और उनके सहयोगियों की संपत्ति सील करने और यात्रा पर रोक लगाने वाले प्रतिबंधों को उस वक्त तक निलंबित रखा जाएगा जब तक "सच्चाई सामने नहीं आ जाती". पत्र में यह भी मांग की गई है कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद उन देशों के खिलाफ रुख अख्तियार करे जो लीबिया को सैन्य कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं.

मानवाधिकार समूहों का कहना है कि गद्दाफी सरकार के खिलाफ 15 फरवरी से शुरू हुए आंदोलन में अब तक कम से कम 600 लोग मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने एक हजार लोगों के मारे जाने का अनुमान जताया है. सुरक्षा परिषद में एक राजनयिक ने कहा, "इससे पता चलता है कि लीबिया की सरकार अपनी कार्रवाई के नतीजों को स्वीकार करने से इनकार कर रही है. लेकिन इससे यह भी पता चलता है कि वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से उठाए गए कदमों से परेशान हैं."

पश्चिमी देश लीबिया के खिलाफ उड़ान निषिद्ध क्षेत्र लागू करने के बारे में सोच रहे हैं ताकि आम लोगों पर होने वाले हमलों को रोका जा सके लेकिन राजनयिकों का कहना है कि इस बारे में सुरक्षा परिषद से कोई आधिकारिक आग्रह नहीं किया गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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