लीबिया का आकाश नाटो के हवाले
२५ मार्च २०११नाटो के महासचिव जनरल आंद्रेस फोग रासमुसेन ने साफ कहा कि नो फ्लाई जोन के अलावा बाकी कार्रवाई की जिम्मेदारी संयुक्त सेनाओं पर होगी. फिलहाल लीबिया में नो फ्लाई जोन लागू करने का अधिकार अमेरिका के पास है. माना जा रहा है कि इसी हफ्ते अमेरिका नाटो को नो फ्लाई जोन लागू करने की जिम्मेदारी सौंप देगा.
सिर्फ यही एक मुद्दा है जिस पर नाटो देशों में सहमति बन सकी है. अन्य तरह की सैन्य गतिविधियों को लेकर नाटो के सदस्य देशों में सहमति नहीं बनी है. रासमुसेन ने कहा, ''नाटो आगे भी सहमति के आधार ही फैसले करेगा. नो फ्लाई जोन लागू करने का फैसला भी हमने 28 सदस्य देशों की सहमति के आधार पर किया है.''
अमेरिका ने नाटो के फैसले का स्वागत किया है. अब आगे इस बात पर चर्चा होगी कि क्या नाटो को लीबिया से संबंधित सभी तरह की सैन्य कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी जाए. मुद्दा पेंचीदा है और सदस्य देशों में इस पर भारी मतभेद हैं.
नो फ्लाई जोन के तहत लीबिया के ऊपर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इजाजत के बिना कोई विमान उड़ान नहीं भरेगा. इसका मकसद लीबियाई वायुसेना को विद्रोहियों पर हवाई हमले करने से रोकना है. नो फ्लाई जोन में अगर लीबियाई सेना का कोई विमान उड़ान भरता है तो उस मार गिराया जाएगा. गुरुवार को फ्रांस ने नो फ्लाई जोन तोड़ रहे लीबियाई वायुसेना के एक विमान को गिरा दिया. ट्रेनिंग विमान उड़ान खत्म करके उतरा ही था कि मिसाइल से उस पर हमला कर दिया गया.
लीबिया में फ्रांस, अमेरिका, कनाडा और ब्रिटिश विमानों की कार्रवाई जारी है. अमेरिकी सेना के वाइस एडमिरल बिल गोर्टनी के मुताबिक अभियान में 350 विमान हिस्सा ले रहे हैं. 38 युद्धपोत भी लीबिया को घेरे हुए हैं. इनमें 12 अमेरिका के हैं. गोर्टनी ने लीबिया की सेना को चेतावनी देते हुए कहा है, ''अपने लोगों को मारना बंद करो.''
इस बीच लीबिया में आम लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. युद्धविराम के एलान के बावजूद सेना विद्रोहियों पर हमले कर रही है. उस पर मानवाधिकार हनन के आरोप लग रह हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून की रिपोर्ट के मुताबिक लीबियाई सेना के हमले बढ़ते जा रहे हैं. मून ने यह रिपोर्ट सुरक्षा परिषद को दी है. सिनतान, मिसराता और अजदाबिया गद्दाफी की सेना और विद्रोहियों के बीच घमासान लड़ाई जारी है. हिंसा के चलते अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य