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लीबिया पर ओबामा की चुप्पी से उठते सवाल

२३ फ़रवरी २०११

लीबिया में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के दमन की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने निंदा की है. परिषद ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमले करने वालों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए.

तस्वीर: AP

15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद ने एक दिन चली बहस के बाद जारी बयान में लीबिया के शासकों पर निशाना साधा है. इस उत्तर अफ्रीकी देश के हालात पर गंभीर चिंता जताते हुए सुरक्षा परिषद ने हिंसा को फौरन बंद किए जाने की मांग की है. लीबिया में 400 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है.

लीबिया में प्रदर्शन तेजतस्वीर: picture alliance / dpa

सुरक्षा परिषद ने अपने बयान में कहा, "जनता की वैध मांगों को सुना जाना चाहिए और राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत के जरिए उन पर विचार होना चाहिए." परिषद ने लीबियाई अधिकारियों से संयम बरतने और मानवाधिकारों का सम्मान करने की भी अपील की है.

उधर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के करीबी सांसदों ने तेल कंपनियों से अमेरिका में काम रोकने की अपील की है. ऐसा माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ओबामा पर लीबिया में दखलअंदाजी के लिए दबाव बढ़ रहा है.

अमेरिका पर लीबिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के लिए दबाव बढ़ रहा है. अमेरिकी सीनेट की प्रभावशाली विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष जॉन कैरी ने लीबिया पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है. केरी ने कहा, "दुनिया के नेताओं को मिलकर कर्नल गद्दाफी को समझा देना चाहिए कि उनके कायराना कामों के नतीजे अच्छे नहीं होंगे."

इसके अलावा लीबियाई हवाईअड्डों पर बमबारी जैसी सैन्य कार्रवाइयों की बातें भी उठ रही हैं. हालांकि ज्यादातर विश्लेषक मानते हैं कि अमेरिका इस तरह के कदम नहीं उठाएगा लेकिन काफी आलोचकों ने ओबामा की चुप्पी पर हैरत जताई है.

अमेरिकी अधिकारी लीबिया के हालात की निंदा तो कर रहे हैं लेकिन किसी तरह की कार्रवाई की बात नहीं कह रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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