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लीबिया पर नाटो का भारी बम हमला

२४ मई २०११

लीबिया की राजधानी त्रिपोली में मंगलवार तड़के अचानक नाटो ने जबरदस्त हवाई हमला कर दिया, जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए. इस हमले में 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. लीबिया का दावा है कि मरने वाले आम शहरी हैं.

तस्वीर: dapd

लीबिया सरकार के प्रवक्ता मूसा इब्राहीम ने बताया कि मंगलवार तड़के करीब एक बजे नाटो ने सरकार के समर्थक लोगों पर 12 से 18 बार हमला किया. ये हमले लीबिया के नेता कर्नल मोअम्मर गद्दाफी के एक घर बाब अल अजीजिया के पास किए गए.

एक चश्मदीद का कहना है कि आसमान में अचानक लाल रंग के गोले दिखने लगे. इसके आधे घंटे बाद भी हमले होते रहे और इस दौरान करीब 15 धमाके किए गए. लीबिया पर नाटो की सैनिक कार्रवाई के बाद यह सबसे तगड़ा हमला है.

तस्वीर: picture alliance / dpa

सोमवार को अमेरिका ने गद्दाफी से अपील की है कि उन्हें लीबिया छोड़ देना चाहिए. नाटो के सदस्य देशों ने कहा है कि लीबिया पर हमले तेज करने चाहिए. इस बीच यूरोपीय संघ ने लीबिया पर प्रतिबंध बढ़ा दिए हैं, जबकि नाटो की सहायता के लिए फ्रांस और ब्रिटेन ने इसके बेड़े में अपने हेलिकॉप्टर शामिल करने की बात कही है.

लीबिया के विद्रोहियों से अमेरिका के प्रतिनिधि ने कहा, "अमेरिका लीबिया के आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और समझता है कि गद्दाफी को सत्ता और लीबिया छोड़ देना चाहिए." इससे एक दिन पहले यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख कैथरिन एशटन ने बेनगाजी में यूरोपीय संघ का एक दफ्तर खोलने का एलान किया और कहा कि 27 राष्ट्रों वाला संघ विद्रोहियों को लंबे वक्त के लिए समर्थन दे रहा है.

अमेरिका के उप मंत्री जेफरी फेल्टमैन ने बेनगाजी का दौरा किया और लीबिया के विद्रोहियों से बातचीत की. ब्रिटेन, फ्रांस, गाम्बिया, इटली और कतर ने विद्रोही काउंसिल को मान्यता दे दी है. उधर, यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने ब्रसेल्स में बैठक की और लीबिया के मुद्दे पर बातचीत की. सैनिक दबाव बढ़ाने के लिहाज से फ्रांस के रक्षा मंत्री एलियान युप्पे ने कहा कि उनकी सेना नाटो के हमलों में तेजी लाने के लिए अपने हेलिकॉप्टर मुहैया कराने को तैयार है.

जर्मनी ने बेनगाजी में अपना एक दफ्तर खोला है और इसका उद्देश्य विद्रोहियों से संपर्क बढ़ाना है. जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने बताया कि एक अनुभवी राजनयिक को वहां भेज दिया गया है. यूरोपीय संघ के ज्यादातर देशों ने मोअम्मर गद्दाफी के साथ रिश्ते बंद कर दिए हैं और लीबिया से अपने राजनियकों को वापस बुला लिया है. हालांकि यूरोपीय संघ के मौजूदा अध्यक्ष हंगरी ने त्रिपोली में अभी अपना दफ्तर नहीं बंद किया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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