आईएस ने लीबिया में अपनी सेना में दुगना इजाफा कर लिया है और सीरिया में उसने 300 से अधिक मजदूरों को बंधक बना लिया है. वहीं डेनमार्क में पुलिस ने आईएस से जुड़े 4 लोगों की गिरफ्तारी का दावा किया है.
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डेनमार्क की पुलिस ने ऐसे चार लोगों को गिरफ्तार किया है जिनके बारे में बताया जा रहा है कि वे 'इस्लामिक स्टेट' में शामिल हुए थे. राजधानी कोपेनहेगन के अलग अलग इलाकों से गिरफ्तार किए गए इन चार लोगों में से एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को गोला बारूद और हथियार भी बरामद हुए हैं.
पुलिस ने अपने बयान में कहा है, ''गिरफ्तार किए गए लोगों ने खुद को युद्धग्रस्त सीरिया और उत्तरी इराक में आतंकी गुटों में भर्ती किया था. खुद को आतंकी गतिविधियों में शामिल करना डेनमार्क के कानून के मुताबिक गुनाह है.'' और इसके लिए 6 साल से अधिक की कैद की सजा हो सकती है. पुलिस ने अपने बयान में यह भी बताया है, ''इन संदिग्धों की पहचान डेनमार्क की सुरक्षा एवं खूफिया सेवा और कोपेनहेगन पुलिस के साझा अभियान में की गई है.''
इस बीच सीरिया के सरकारी मीडिया ने बताया है कि इस्लामिक स्टेट ने सीरिया में 300 से अधिक सीमेंट फैक्ट्री मजदूरों को बंधक बना लिया है. दुमेइर में मौजूद अल बदिया सीमेंट फैक्ट्री के मैनेजर के हवाले से सरकारी न्यूज एजेंसी सना का कहना है, ''कंपनी ने मंत्रालय को बताया है कि बंधक बनाए गए मजदूरों से उसका संपर्क पूरी तरह टूट गया है.''
दुमेइर वही जगह है जहां से इस हफ्ते की शुरुआत में अचानक इस्लामिक स्टेट ने सेना के खिलाफ हमला बोला था. इसके साथ ही स्थानीय मीडिया ने बताया है कि सेना ने भी आईएस के कब्जे वाले कुछ इलाकों में बढ़त बनाई है.
लीबिया में मजबूत होता इस्लामिक स्टेट
क्या है आईएस?
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट लंबे समय से सुर्खियों में है. लेकिन आखिर आईएस है क्या? कितना शक्तिशाली है? आईएस से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब.
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क्या है "इस्लामिक स्टेट"?
यह एक सुन्नी आतंकवादी संगठन है जो अल कायदा से अलग हो कर बना है. सीरिया और इराक में निष्फल सरकारों से निपटने के लिए यह संगठन सक्रिय हुआ. इसके झंडे पर लिखा है, "मुहम्मद अल्लाह के रसूल है, अल्लाह के अलावा कोई दूसरा खुदा नहीं है." खुद को इस्लाम का प्रचारक कहने वाला आईएस विरोधियों लोगों की जान लेने में लगा है.
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कहां सक्रिय है "इस्लामिक स्टेट"?
आईएस अपनी खिलाफत स्थापित करने का उद्देश्य रखता है, एक ऐसी जगह बनाना चाहता है जहां इस्लाम की उसकी बनाई परिभाषा चलेगी और शरिया कानून लागू होगा. सीरिया और इराक में अस्थिरता के कारण आईएस इन दोनों देशों के कुछ इलाकों पर कब्जा करने में कामयाब हो पाया है.
अन्य आतंकी संगठनों से यह कैसे अलग है?
आईएस की बर्बरता इसकी सबसे बड़ी पहचान बन गयी है. मासूम लोगों और अपने दुश्मनों को डराने की खातिर इस्लामिक स्टेट ने कई लोगों के सर कलम किए हैं. जिन इलाकों में आईएस का कब्जा है वहां इसी की हुकूमत चलती है.
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अन्य आतंकी संगठनों से संबंध?
हाल ही में नाइजीरिया में सक्रिय आतंकवादी संगठन बोको हराम ने आईएस के लिए अपना समर्थन जाहिर किया. वहीं अल कायदा खुद को इससे अलग मानता है. अल कायदा की शाखा जभात अल नुसरा आईएस के खिलाफ है. इन संगठनों के बीच प्रतिस्पर्धा है कि कौन किससे ज्यादा खूंखार है. बोको हराम के नाम 13,000 जानें हैं, तो आईएस 24,000 लोगों को मारने या घायल करने के लिए जिम्मेदार है.
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कौन हैं आईएस के समर्थक?
अलग अलग देशों से 20,000 से ज्यादा लोग आईएस के साथ जुड़ चुके हैं. आईसीएसआर की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 4,000 से ज्यादा पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका से हैं. स्वीडन और बेल्जियम जैसे छोटे देशों से भी लोग इस्लामिक स्टेट का साथ देने पहुंच रहे हैं.
कैसे निपट रहा है पश्चिम?
अगस्त 2014 से अमेरिका सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है. सीरिया में अब तक 1,422 और इराक में 2,242 हमले किए जा चुके हैं. वहीं जर्मनी सीरिया से लौटे 30 कथित आतंकवादियों पर मुकदमा चलाने जा रहा है.
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उधर अफ्रीका में मौजूद अमेरिकी सेना के प्रमुख जनरल डेविड रोड्रिगेज ने चेतावनी दी है कि लीबिया में चरमपंथी गुट इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों की तादाद पिछले साल में तकरीबन दुगनी हो गई है. उनके मुताबिक देश में अब 4000 से 6000 के बीच आईएस लड़ाके मौजूद हैं.
पांच साल पहले लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के तख्ता पलट के बाद आईएस ने वहां बने माहौल का फायदा उठाते हुए अपनी पकड़ बनाई थी.
हालांकि रोड्रिगेज ने कहा है कि आईएस के चरमपंथियों के लिए लीबिया के बड़े इलाके पर कब्जा करना और उन्हें जोड़े रखना बेहद मुश्किल है, ''यह मुमकिन तो है लेकिन अभी के हालातों के मुताबिक मैं इसे लेकर चिंतित नहीं हूं. लीबिया के हालात बिल्कुल अलग हैं.'' रोड्रिगेज का कहना है कि आईएस के पास ''स्थानीय लोग नहीं हैं जो कि लीबिया के बारे में जानकारी रखते हों. जैसा कि सीरिया और इराक में. और लीबिया के लोगों को इस तरह का बाहरी दखल पसंद नहीं है.''
पिछले साल आईएस ने गद्दाफी के तटीय गृहनगर सिरते पर कब्जा कर लिया था और दूसरे इलाकों को भी कब्जे में लेने के लिए उसकी कोशिशें जारी थी. लीबिया की सेना पूरे देश में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से लड़ाई लड़ रही है.
अमेरीका, फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों ने लीबिया के अधिकारियों के साथ आईएस के खिलाफ गुटों की मदद के लिए विशेष अभियान बलों को लीबिया भेजा है. फरवरी में अमेरिकी गठबंधन सेना ने लीबिया के अंदरूनी इलाकों में चल रहे आईएस के एक ट्रेनिंग कैंप में हवाई हमले किए थे जिसमें 40 से अधिक चरमपंथियों के मारे जाने का दावा किया गया था. उससे पहले पिछले साल नवंबर में एक दूसरे हवाई हमले में लीबिया में इस्लामिक स्टेट का सर्वोच्च नेता अबू नाबिल भी मारा गया था.
आरजे/आईबी (एएफपी, एपी)
आईएस से जुड़े पांच तथ्य
आईएस की बढ़ती ताकत दुनिया भर के देशों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भयानक आतंकी हमलों को अंजाम दे रहे हैं. जानिए आईएस से जुड़ी कुछ अहम बातें.
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आईएस में भर्ती
सीरिया और इराक के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने वाले इस आतंकी गुट ने 29 जून 2014 को खिलाफत का एलान किया. तब से अब तक संगठन ने अपनी संख्या बढ़ाने में बड़ी कामयाबी पाई है. रिपोर्टों के मुताबिक 2011 से अब तक आईएस में 90 देशों से 20,000 से ज्यादा लोग भर्ती हुए हैं.
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इतिहास को नुकसान
सीरिया में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जगहों को आईएस ने भारी नुकसान पहुंचाया है. ऐतिहासिक इमारतों और संग्रहालयों में लूटपाट की घटनाएं सामने आई हैं. आईएस ने इनसे मिली रकम का इस्तेमाल खुद को मजबूत करने में किया है.
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कत्लेआम
आईएस की क्रूरता किसी से छुपी नहीं है. आईएस की ओर से अक्सर जारी किए जाने वाले वीडियो उसके जुल्म की गवाही देते हैं. लोगों का सिर कलम कर देना, गर्दन रेत देना या जिंदा जला देना इनके आम कुकृत्य हैं.
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तकनीक के जानकार
यह आतंकवादी संगठन आधुनिक दौर में तकनीक की अहमियत समझता है. अपने प्रचार के लिए ये आतंकी गुट सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करता है. अपने वीडियो बनाने में ये संगीत, एक्शन सीन इत्यादि का इस्तेमाल कर रिलीज करते हैं, जिससे और लोगों को अपने साथ जुड़ने के लिए प्रेरित कर सकें.
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खर्च
आईएस के पास इतना पैसा है कि वह अपनी आतंकवादी गतिविधियों को आराम से अंजाम दे रहा है. उसने डोनेशन पाने का अपने लिए एक मजबूत तंत्र भी विकसित कर लिया है. आतंकी संगठन धन जुटाने के लिए बंधक बनाता है और ब्लैकमेल भी करता है. कई छोटी बड़ी कंपनियां भी इसका निशाना बनी हैं.