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लीबिया में मकसद साफ-ओबामा

२६ मार्च २०११

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को एक संदेश में कहा कि लीबिया में अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का मकसद बहुत साफ है और इससे हजारों बेकसूर लोगों की जान बचाई जा सकी है.

तस्वीर: AP

रेडियो और इंटरनेट पर अमेरिकी राष्ट्र को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा, "हमने जल्द अपनी कार्रवाई शुरू की और इससे एक मानवीय संकट को रोका जा सका है. अनगिनत आम लोगों, महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को बचाया जा सका है." लीबिया पर कार्रवाई शुरू होने के एक हफ्ते बाद ओबामा ने कहा कि उनके राष्ट्र के हित में हैं, कि वे लीबिया पर कार्रवाई करें. उन्होंने कहा, "हर अमेरिकी नागरिक को गर्व होना चाहिए कि हमने लीबिया में लोगों की जान बचाई है." उन्होंने कहा कि गद्दाफी को सत्ता से हर हाल में निकलना होगा."हमारा संदेश साफ है. गद्दाफी आम जनता के खिलाफ हमलों को रोके. उसके सैनिकों को पीछे हटना होगा. मोअम्मर गद्दाफी पर से लोगों का विश्वास उठ गया है और लोगों की उम्मीदों को पूरा होने देना चाहिए."

तस्वीर: AP/RTP TV

लीबिया में मिशन 'सफल'

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति को इस सिलसिले में काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है. आलोचकों का कहना है कि लीबिया पर नो फ्लाई जोन की रणनीति सही नहीं है और लीबिया से निकलने के बारे में भी कोई योजना नहीं है. लेकिन ओबामा ने आलोचकों को शांत करते हुए कहा है कि लीबिया में अमेरिका का मिशन बिलकुल साफ है और अंतरराष्ट्रीय गठबंधन कोशिश कर रहा है कि लीबिया में जनता के मानवाधिकारों के हनन को रोका जा सके.

ओबामा ने कहा, "हम अपने मिशन में सफल हो रहे हैं. हमने लीबिया की हवाई सुरक्षा को खत्म कर दिया है. गद्दाफी के सैनिक अब लीबिया में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं."

अमेरिकी जनता का अविश्वास

अमेरिका की जनता इराक और अफगानिस्तान के बाद सरकार की एक और सैन्य मिशन को लेकर काफी चिंतित है. लेकिन ओबामा ने कहा है कि लीबिया में कार्रवाई की जिम्मेदारी नाटो और अमेरिका के सहयोगी देशों पर है. साथ ही उनका कहना था कि जब भी दुनिया के किसी देश में संकट आती है, अमेरिका वहां दखल नहीं दे सकता और उसे दखल देना भी नहीं चाहिए. उन्होंने लोगों से वादा किया कि लीबिया में अमेरिकी सैनिक तैनात नहीं किए जाएंगे. ओबामा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के साथ कतर और संयुक्त अरब अमीरात भी लीबिया के मिशन में सहयोग कर रहे हैं. लीबिया में कार्रवाई पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले के मुताबिक अमेरिका और उसके सहयोगी गद्दाफी को सत्ते से बाहर नहीं निकाल सकते. विश्लेषकों का मानना है कि केवल नो फ्लाई जोन और विद्रोहियों की मदद से लीबिया में स्थिति बदलना मुमकिन नहीं है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः आभा एम

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