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लुटियन बंगलों की बाट जोह रहे हैं नवनिर्वाचित सांसद

७ जून २०१९

चुनाव में जीते नए सांसद अभी अस्थायी निवासों में रह रहे हैं और जल्द ही लुटियन दिल्ली में फैले बंगलों और फ्लैट में शिफ्ट करेंगे. लोक सभा सचिवालय इस फैसले के लिए तैयारी करता है कि किस सांसद को बंगला मिलेगा.

Indien - Debasree Chaudhuri und Dilip Ghosh
तस्वीर: Imago Images/Pacific Press Agency/S. Paul

सांसदों को घरों का आवंटन लोक सभा की हाउस कमेटी आवंटित करती है. 543 सदस्यों वाले लोकसभा पूल में कुल 517 घर हैं जिनमें टाइप-आठ बंगलों से लेकर छोटे फ्लैट और हॉस्टल भी हैं. अधिकारियों के अनुसार नए लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद जो पहली समिति गठित होगी वह यही हाउस कमेटी होगी. इस समय 250 नए सांसदों को विभिन्न राज्य भवनों और वेस्टर्न कोर्ट में ठहराया गया है. पहले उन्हें घर मिलने तक शहर के पांच सितारा होटलों में ठहराया जाता था. निवास के आवंटन में कई बातों को ध्यान में रखा जाता है. इनमें सदस्य की वरिष्ठता, सुरक्षा की जरूरतें या फिर यह कि सदस्य पहले मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राज्य मंत्री या विधायक रह चुका है या नहीं.

नए सांसदों ने अपनी पसंद बताते हुए फार्म भरकर जमा किया है. सांसदों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एक 'स्टेटमेंट' हाउस कमेटी को उपलब्ध कराया जाएगा और कमेटी इसके आधार पर विभिन्न तरह के आवास के आवंटन का मानदंड तय करेगी. एक अधिकारी ने कहा, "हाउस कमेटी विभिन्न श्रेणियों में उपलब्ध फ्लैटों और इनके लिए मिले आवेदनों की संख्या के आधार पर फैसला लेगी." लोक सभा पूल के लिए उपलब्ध रिहाइशी मकानों में 159 बंगले, 37 ट्विन फ्लैट, 193 सिंगल फ्लैट, 96 बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट और 32 ईकाइयां सिंगुलर रेगुलर ठिकानों की हैं. यह सभी आवासीय ठिकाने केंद्रीय दिल्ली के नार्थ एवेन्यू, साउथ एवेन्यू, मीना बाग, बिशम्बर दास मार्ग, बाबा खड़क सिंह मार्ग, तिलक लेन और विट्ठल भाई पटेल हाउस में हैं.

टाइप फाइव निवास में चार श्रेणियां हैं. टाइप फाइव (ए) एक ड्राइंग रूम और एक बेडरूम सेट है, टाइप फाइव (बी) एक ड्राइंग रूम और दो बेडरूम सेट है, टाइप फाइव (सी) ड्राइंग रूम और तीन बेडरूम सेट है जबकि टाइप फाइव (डी) ड्राइंग रूम और चार बेडरूम सेट है. संयुक्त फ्लैट टाइप फाइव (ए/ए), संयुक्त फ्लैट टाइप फाइव (ए/बी) और संयुक्त फ्लैट टाइप फाइव (बी/बी) भी उपलब्ध हैं. अधिकारियों के अनुसार हाउस कमेटी अपने मानदंड तय करेगी लेकिन सर्वोच्च श्रेणी के बंगले सर्वाधिक वरिष्ठ सदस्यों को दिए जाते हैं.

सभी निवर्तमान सांसदों को अपने परिसरों को खाली करने के लिए 24 मई से एक महीने का समय दिया गया है जिस दिन सोलहवीं लोकसभा भंग हुई थी. निवर्तमान सांसदों को लोक सभा अध्यक्ष की सहमति के बाद चार महीने और रहने दिया जा सकता है या फिर स्वास्थ्य कारणों से छह महीने और रहने दिया जा सकता है. संसद के काम पर निगाह रखने वाली संस्था पीआरएस लेजिस्लेटिव के मुताबिक, लोकसभा में कुल 267 सांसद पहली बार निर्वाचित हुए हैं. निवर्तमान सांसदों में से 230 फिर से चुने गए हैं. 45 सांसद ऐसे हैं जो पहले की लोकसभाओं के सदस्य रह चुके हैं.

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रिपोर्ट: प्रशांत सूद, आईएएनएस

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