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लेडी गागा और प्रोफेसर

१७ नवम्बर २०१०

पॉप म्युजिक की दुनिया में कम उम्र में ही शोहरत की बेशुमार मिसालें हैं, इस लिहाज से 24 साल की लेडी गागा कोई अपवाद नहीं, लेकिन अब 48 साल के एक प्रोफेसर ने उन्हें यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का सब्जेक्ट भी बना डाला है.

तस्वीर: AP

सन 2011 के स्प्रिंग सेमेस्टर में अमेरिका के साउथ कैरोलाइना विश्वविद्यालय में एक नया विषय शामिल किया गया है. इसका नाम है लेडी गागा ऐंड द सोसियोलॉजी ऑफ फेम, यानी लेडी गागा और प्रसिद्धि का समाजशास्त्र. और सारे कैंपस में इसकी चर्चा है.

इस कोर्स को पढ़ाएंगे प्रोफेसर मैथ्यू डेफलेम. वे कहते हैं कि लेडी गागा की शोहरत, लोकप्रिय संस्कृति और प्रसिद्धि की समकालीन संस्कृति के अध्ययन की परिधि में समाजशास्त्र की दृष्टि से अत्यंत प्रासंगिक है. उम्मीद की जानी चाहिए कि लेडी गागा को ऐसी बातों पर कोई खास एतराज नहीं होगा.

लेडी गागा अपने माशाअल्लाह म्यूजिक वीडियो के साथ साथ अपने अपर कॉस्ट्युम और गुरुत्वाकर्षण को चुनौती देने वाली हाई हील्स के लिए मशहूर हैं. प्रोफेसर डेफलेम उनके जबरदस्त फैन हैं. उनका दावा है कि 1960 से ही वे लोकप्रिय संस्कृति का गहन अध्ययन कर रहे हैं. वैसे वे पिछले 15 सालों से आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय पुलिस व्यवस्था पर कोर्स ले रहे थे. वे कहते हैं कि लेडी गागा की शोहरत एक समकालीन प्रतिभास है, जिसमें छात्रों की गहरी दिलचस्पी होनी चाहिए. यूनिवर्सिटी की कैंटीनों और स्टूडेंट्स पार्टियों में हो रही बातचीत से लगता है कि दिलचस्पी काफी गहरी और दूर तक जाने वाली है. वैसे दिलचस्पी 48 साल के प्रोफेसर मैथ्यू डेफलेम की भी है. वे पांच बार लेडी से मिल चुके हैं, 29 बार उनके कंसर्टों में जा चुके हैं और उनका कहना है कि जिस तरह रॉकेट सरीखी उड़ान लेडी गागा की देखने को मिली है, मानवजाति के इतिहास में उसकी कोई सानी नहीं है. अपनी बात का खुलासा करते हुए प्रोफेसर कहते हैं कि पिछले दो सालों में उनकी शोहरत एक ऐसे समाज में फैली है, जो पिछले दशकों से बिल्कुल अलग है. इस सिलसिले में वे समाज में इंटरनेट और टेक्नोलॉजी की गहरी पैठ की ओर ध्यान दिलाते हैं.

तस्वीर: AP
समलैंगिकों के समर्थन में एक रैली में लेडी गागातस्वीर: AP

अपनी वेबसाइट में लेडी गागा भी बड़बोली किशोरी से दिखावे को बेताब एक युवती के तौर पर अपनी जिंदगी के लंबे सफर की ओर इशारा करती हैं. वह कहती हैं, एक आर्टिस्ट के तौर पर मेरा इरादा यह है कि बेहद दिलचस्प तरीके से दुनिया में एक पॉप रिकॉर्ड ला दिया जाए. भला इस पर किसे एतराज हो सकता है. 17 साल की कमसिन उम्र में ही गागा को न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ द आर्टस् में एडमिशन मिल चुका था. जब वो 20 की हुईं, तो पहले एलबम का कॉन्ट्रैक्ट मिला. आज पूरे आत्मविश्वास के साथ वह कहती हैं : पॉप कल्चर कला है. इससे नफरत आपको कूल नहीं बनाता है, इसे गले लगाइए...यह शोहरत सबके लिए है. मेरी पार्टी में आपको भी न्योता है. मैं चाहती हूं कि इस लाइफस्टाइल में आप भी शरीक हों.

कुछ लोगों को एतराज है कि कैंपस के गंभीर विषयों के बीच यह कोर्स छिछला है. इस सिलसिले में स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के प्रोफेसर ऐर्नेस्ट विगिंस का कहना है कि शोहरत का अध्ययन अपने आप में कोई नई बात नहीं है. कोर्स चलने दीजिए, देखा जाए कोई नई बात सामने आती है या नहीं - वे कहते हैं.

और अपनी वेबसाइट में लेडी गागा कहती हैं : मैंने सीखा है कि आर्टिस्ट के तौर पर कैसे जीना है, नाकामी क्या होती है, मैं कैसी सिंगर और परफॉर्मर हूं. और अब मैं दुनिया को बदलने की कोशिश कर रही हूं, हर पल रत्ती भर.

किसी शायर ने कहा है - काम है मेरा तसव्वुर, नाम है मेरा शवाब !

रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य (एएफपी)

संपादन: महेश झा

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