लोकपाल के चक्कर में दबी भारतीय हार
३० दिसम्बर २०११भारत के दबंग सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने दावा किया था कि अगर 300 रनों का भी लक्ष्य मिलता है, तो टीम इंडिया उसे साध देगी. लेकिन पूरी टीम उसके लगभग आधे 169 पर ही ढेर हो गई. भारत के सबसे बड़े अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसे मेलबर्न मेल्टडाउन बताया है.
अखबार ने लिखा है, "जिन लोगों को उम्मीद थी कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम ऑस्ट्रेलिया के नाक में दम कर सकती है, उन लोगों को भारी निराशा का सामना करना पड़ा क्योंकि धोनी और उनके धुरंधरों ने घुटने टेक दिए."
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों के आगे भारत के शेर कागजी पहलवान साबित हुए और उन्होंने कोई मुकाबला नहीं किया. सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, विराट कोहली और खुद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी धराशायी हो गए. टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है, "टीम इंडिया पर विदेशी बुखार अब भी चढ़ा हुआ है. पैटिनसन, हिल्फेनहाउस और सिडेल ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी. यही हाल भारतीय टीम का इंग्लैंड में भी हुआ था, जब तेज रफ्तार और बाउंसर गेंदों ने भारतीय बल्लेबाजों का सूरमा बना दिया था." भारत इससे पहले इंग्लैंड में भी चार टेस्ट मैचों की सीरीज 4-0 से हार चुकी है और इस तरह विदेशी जमीन पर वह लगातार पांच टेस्ट मैच हार गई है.
हिन्दुस्तान टाइम्स ने लोकपाल के बावजूद पहले पन्ने पर क्रिकेट को भी जगह दे दी है और लिखा है माउल्ड इन मेलबर्न (मेलबर्न में पिट गए). इसके अलावा खेल के पेज पर विशेष तौर पर क्रिकेट का जिक्र किया गया है. अखबार ने लिखा है, "रनों का पीछा करना शुरू से ही मुश्किल लग रहा था. खास तौर पर टीम के रिकॉर्ड को देखते हुए, जिसने पिछले 10 इंनिंग्स में कभी भी 300 का आंकड़ा पार नहीं किया है." द हिन्दू ने भी बल्लेबाजी को ही कसूरवार बताया है और कहा कि इतनी मशहूर लाइनअप अपना काम नहीं कर पाई.
भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी और कमेंटेटर रवि शास्त्री का कहना है कि भारत को इस चार मैचों की सीरीज में वापसी के लिए साहस का परिचय देना होगा. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया में अपने कॉलम में लिखा है, "भारत को अपने मुख्य बल्लेबाजों से रन की दरकार है. अगर गेंदबाज अपना काम कर रहे हैं, तो बल्लेबाज उनके काम को बर्बाद नहीं जाने दे सकते हैं."
बल्लेबाजों का खेल माने जाने वाले क्रिकेट को शास्त्री ने गेंदबाजी की ओर मोड़ते हुए कहा, "मुझे इस बात में कोई आश्चर्य नहीं कि अगर यह पूरी सीरीज गेंदबाजों की सीरीज बन कर रह जाए. अगर ऐसा होता है तो हर बचाया हुआ या बनाया हुआ रन महत्वपूर्ण हो जाएगा. भारत के पास दक्षता है, बस उसे अपना काम पूरा करना होगा." पहले टेस्ट मैच की चार पारियों में पूरे 40 विकेट चार दिन के अंदर गिर गए लेकिन एक भी बल्लेबाज शतक बनाने में कामयाब नहीं हो पाया.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच तीन जनवरी से सिडनी में शुरू होने वाला है.
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः महेश झा