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समाज

उत्तराखंड में भूस्खलन के कारण हुआ हिमस्खलन

९ फ़रवरी २०२१

उत्तराखंड में जोशीमठ के पास आए सैलाब के बाद अब तक 26 शव बरामद किए जा चुके हैं. इस बीच अमित शाह ने कहा है कि लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए एक साथ सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

Weltspiegel 08.02.2021 | Indien Uttarakhand | Gletscherabbruch
तस्वीर: REUTERS

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्य में हुई त्रासदी के पीछे भूस्खलन को प्रमुख वजह बताते हुए कहा कि भूस्खलन से ही हिमस्खलन शुरू हुआ था. गृहमंत्री ने कहा कि भूस्खलन से लगभग 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हिमस्खलन हुआ और उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी में बाढ़ आ गई.

शाह ने कहा कि उपग्रह डाटा के अनुसार ऋषि गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में समुद्र तल से 5,600 मीटर ऊपर ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ, जो लगभग 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जितना बड़ा था, जिससे ऋषि गंगा नदी के निचले क्षेत्र में फ्लैश फ्लड की स्थिति बन गई. उन्होंने कहा कि इस घटना को 5,600 मीटर की ऊंचाई पर ग्लेशियर के टर्मिनस पर ऋषि गंगा नदी के कैचमेंट में रविवार, 7 फरवरी के उपग्रह डाटा (प्लेनेट लैब) से देखा गया है.

रविवार की सुबह 10 बजे हुई त्रासदी पर राज्यसभा में बोलते हुए शाह ने कहा कि ऋषि गंगा में जलस्तर के बढ़ने पर फ्लैश फ्लड के कारण 13.2 मेगावाट की एक कार्यात्मक ऋषि गंगा स्मॉल हाइड्रो प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है. शाह ने आगे कहा, "बाढ़ की वजह से धौली गंगा नदी पर तपोवन में निर्माणाधीन 520 मेगावॉट एनटीपीसी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट प्रभावित हुआ है." उत्तराखंड सरकार द्वारा साझा की गई जानकारी का हवाला देते हुए, शाह ने कहा कि नीचे की ओर बाढ़ का कोई खतरा नहीं है.

शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रही है, "प्रधानमंत्री स्वयं स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और गृह मंत्रालय के दोनों नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे स्थिति की निगरानी कर रहे हैं, जिससे राज्य को संभव मदद मिल सके." उन्होंने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपना नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और सभी आवश्यक उपकरणों के साथ 450 आईटीबीपी कर्मी बचाव और राहतकार्यो में लगे हुए हैं.

तस्वीर: KK Productions/AP/picture alliance

पांच राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और बचाव और राहतकार्यों में लगी हुई हैं. भारतीय सेना की आठ टीमें, जिनमें एक इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) शामिल हैं, बचाव कार्य कर रही हैं. शाह ने कहा कि भारतीय वायुसेना के पांच हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्य में लगे हुए हैं और जोशीमठ में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.

घटनास्थल पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, उन्होंने कहा कि तलाशी और बचाव अभियान लगातार चलाया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार से सोमवार शाम तक प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा कि कुल 197 लोग लापता हैं. लापता व्यक्तियों में एनटीपीसी की निर्माणाधीन परियोजना के 139 व्यक्ति, कार्यात्मक ऋषिगंगा परियोजना के 46 व्यक्ति और 12 ग्रामीण शामिल हैं.

उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने विभिन्न स्रोतों से यह जानकारी एकत्र की है और इसमें बदलाव भी संभव है. उन्होंने कहा कि लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है और लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए एक साथ सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

आईएएनएस

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