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लोग भ्रष्टाचार सहने को तैयार नहीं: प्रधानमंत्री

२१ अप्रैल २०११

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारत में जिस पैमाने पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है, लोग उसे सहन करने के लिए तैयार नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है.

तस्वीर: UNI

मनमोहन सिंह का मानना है कि इस वक्त लोग यही चाहते हैं कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ असरदार तरीके से तुरंत कार्रवाई करे और उन्होंने ये चुनौती स्वीकार कर ली है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार मानसून सत्र में लोकपाल बिल संसद में पेश कर देगी जिसे तैयार करने के लिए संयुक्त समिति के सदस्य काम कर रहे हैं.

नागरिक सेवा दिवस के मौके पर आयोजित समारोह का उद्घाटन करते हुए देश के नौकरशाहों से प्रधानमंत्री ने कहा, "लोगों के अंदर ये भावना बड़ी तेजी से मजबूत हो रही है कि हमारा कानून, तंत्र और प्रक्रिया भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने में असरदार नहीं है." प्रधानमंत्री ने नौकरशाहों से भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में शामिल होने का अनुरोध किया. प्रधानमंत्री ने ध्यान दिलाया कि सरकार के काम काज में पारदर्शिता और सिद्घांतों पर पिछले दिनों लोगों का ध्यान केंद्रित हुआ है और इसका बखूबी ख्याल रखा जाना चाहिए. सम्मेलन में आईएस, आईपीएस, और आईएफएस सेवा से जुड़े अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं.

उन्होंने नौकरशाहों से ईमानदार होने की उम्मीद जताई और साथ ही राजनीतिक नेतृत्व और वरिष्ठों को सलाह देते वक्त निडर रहने को कहा. उन्होंने ये भी कहा, "आप लोगों में जो वरिष्ठ पदों पर हैं वो अपने मातहतों को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए बढ़ावा दे सकते हैं." मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य वैधानिक ढांचे को मजबूत बनाना, प्रशासनिक तौर तरीकों को बदलना और प्रक्रियाओं को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए तेज बनाना है. उन्होंने बताया कि मंत्रियों का एक समूह इस बारे में कानूनी और प्रशासनिक उपायों की छानबीन कर रहा है और जल्दी ही वो अपनी सलाह सरकार तक पहुंचाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि वामपंथी चरमपंथ, आतंकवाद की चुनौती, उत्तर पूर्व में विद्रोह और सांप्रदायिकता से लड़ाई उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है.

तस्वीर: AP

महंगाई की चिंता

देश में बढ़ती महंगाई ने भी प्रधानमंत्री को चिंता में डाल रखा है. उन्होंने माना की खास तौर से खाने पीने की चीजों की कीमतें बढ़ना देश के लिए बड़ी चिंता है. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन को बढ़ा कर लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास की राह में बाधा बने बगैर महंगाई को रोकने के उपायों पर अमल किया जाएगा. 2009 में देश के कई हिस्सों में भारी सूखा पड़ा उसके बाद से ही खाने पीने की चीजों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.

मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में स्थिति में कुछ सुधार हुआ है और महंगाई की दर एक अंक के स्तर पर लौट आई है. हालांकि 9 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में पिछले हफ्तों की गिरावट के बाद एक बार फिर महंगाई का आंकड़ा बढ़ता हुआ दिखा. पिछले हफ्ते के 8.28 फीसदी के मुकाबले इस हफ्ते में महंगाई की दर 8.74 फीसदी रही. प्रधानमंत्री ने माना कि ये कमी अस्थायी है और लंबे समय के लिए पक्का उपाय किया जाना जरूरी है. मनमोहन सिंह के मुताबिक उत्पादन और कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ा कर इस समस्या का स्थायी हल हासिल किया जा सकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः एमजी

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