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जर्मन जिहादियों से खतरा

८ अगस्त २०१४

सीरिया में रह रहे एक जर्मन सलाफी ने जर्मनी पर हमले की अपील की है. जिहादी इस्लामी राज्य की पैरवी करने वाले समर्थकों के यूरोप लौटने की योजना से यहां भारी चिंता है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

इस युवा ने एक वीडियो जारी कर गानों के जरिए धमकियां दी हैं. जिहादी गुट इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ये वीडियो इंटरनेट पर अपलोड किया है. संदेश है, जो भी इस्लाम के प्रति प्रतिबद्ध नहीं होगा और उसके कानून को नहीं मानेगा, उसे सजा दी जाएगी. इस वीडियो में आईएस का चेहरा 27 साल का एक जर्मन युवक है. पूर्वी राज्य सेक्सनी में पैदा हुए सिल्वियो पहले तो एसेन शहर में गैरकानूनी सलाफी संगठन मिलातू इब्राहीम से जुड़ा और फिर सोलिंगन शहर की शाखा के साथ जुड़ गया.

बताया जाता है कि अभी वह सीरिया में है और पश्चिम में रहने वाले मुसलमानों से उसने हथियारबद्ध संघर्ष में साथ आने की अपील की है ताकि खिलाफत स्थापित किया जा सके. बर्लिन में अंतरराष्ट्रीय और सुरक्षा मामलों के जर्मन संस्थान (एसडबल्यूपी) में आतंकवाद विशेषज्ञ गिडो श्टाइनबर्ग कहते हैं, "वह जिहादियों का स्टार है, जर्मनी में उसे पांच से दस हजार सलाफी सुनते हैं." बताया जाता है कि वह खतरनाक है और उसके स्वभाव का अनुमान नहीं लगाया जा सकता. वह एक बार चांसलर अंगेला मैर्केल की हत्या की भी धमकी दे चुका है.

गृह मंत्रालय की पुष्टी

सिल्वियो के. के समर्थकों की बड़ी संख्या को देखते हुए सुरक्षा अधिकारी जर्मनी पर हमले की धमकी को गंभीरता से ले रहे हैं. बहुत लक्षित और सुनियोजित हमले की सूचना है. राइनलैंड पेलेटिनेट में अमेरिकी एटम बम के स्टोरेज वाला बुशेल एयर बेस हमले का लक्ष्य है. यहां करीब 20 परमाणु हथियार हैं.

सिल्वियो का वीडियो

गंभीर खतरा

2011 में जब से सीरिया में गृह युद्ध शुरू हुआ है, जर्मनी से करीब 320 जिहादी वहां गए हैं. यह संख्या पिछले साल से तेजी से बढ़ी है.

जर्मनी की घरेलू खुफिया सेवा के प्रमुख हंस गेऑर्ग मासेन के मुताबिक ब्रसेल्स में हुए हमले एक ठोस संकेत है कि सीरियाई लड़ाकों का लौटना यूरोपीय समस्या हो गई है और यूरोपीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती. साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सिर्फ जांच में शामिल लोगों पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए. अगस्त की शुरुआत में बवेरिया प्रांत के खुफिया अधिकारियों ने एक महिला की गिरफ्तारी की, जो सीरिया लौटी थी. वहां उसने असद सरकार के खिलाफ इस्लामिक संघर्ष में हिस्सा लिया था. लड़ाई में वह अपने दो बच्चों को भी ले गई थी.

रिपोर्टः नास्तास्या श्टॉइडल/एएम

संपादनः ए जमाल

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