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वजीरिस्तान में मिलती है आत्मघाती हमलों की ट्रेनिंग

९ अप्रैल २०११

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पिछले हफ्ते एक आत्मघाती हमले में 50 लोगों की मौत हो गई. सखी सरवर दरगाह के पास हुए इस हमले में पुलिस ने एक किशोर को गिरफतार किया, जिसने वजीरिस्तान में चल रहे ट्रेनिंग कैम्प की जानकारी दी.

तस्वीर: AP

उमर फिदाई नाम के इस लड़के की उम्र 14 से 15 साल के बीच है. हमले में उमर के साथी इस्माइल ने खुद पर लगे बम का विस्फोट किया. इस हमले में उमर को भी गहरी चोटें आईं थीं. 3 अप्रैल को हुए इस हमले के बारे में उमर ने कई टीवी चैनलों को इंटरव्यू दिए और खुलासा किया कि उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली आदिवासी क्षेत्र में चल रहे तालिबान के कैम्प में 350 लोगों को आत्मघाती हमलों की ट्रेनिंग दी जा रही है. उमर ने बताया कि इस क्षेत्र में अफगान, उज्बेक और ताजिक लड़के सक्रिय हैं.

तस्वीर: Abdul Sabooh

टीवी चैनल पर खुलासे

इंटरव्यू में उमर ने लोगों से माफी मांगी और कहा कि उसे अपनी गलती का अहसास है. उमर ने कहा, "मैं बेहद शर्मिंदा हूं. अल्लाह ने मुझे एक नई जिंदगी बख्शी है और मैं दोबारा ऐसा कभी नहीं करूंगा. मैं अपने घर वापस जाऊंगा और पढूंगा. आत्मघाती हमले इस्लाम के खिलाफ हैं. इस्लाम हमें भाईचारा सिखाता है." उमर ने बताया कि मुल्ला संगीन खान नाम का व्यक्ति इन कैम्पों को चला रहा है. उमर के अनुसार यह व्यक्ति अफगानिस्तान का है और तहरीके-पाकिस्तान से संबंध रखता है.

तस्वीर: AP

उमर ने बाता कि उसे पहले हमले के आधे घंटे बाद हमला करने के लिए कहा गया, ताकि भीड़ में जमा हुए लोगों को निशाना बनाया जा सके. उमर दसवीं क्लास का छात्र है. उसने बताया, "मैं उत्तरी वजीरिस्तान के एसा खेल जिले में पढता था. एक दिन मैं स्कूल से घर जा रहा था, जब मुझे कारी जफ़र मिला. उसने मुझसे कहा कि पढाई लिखी में कुछ नहीं रखा है. कारी जफ़र तालीबानी आत्मघाती हमलों को चलाने वाले दल का सरगना है. उसने मुझे बताया कि जो बच्चे फिदाई हमले करते हैं, उन्हें जन्नत नसीब होती है." उमर को फिलहाल डेरा गाजी खान के एक अस्पताल में रखा गया है. जहां उसका इलाज चल रहा है.

तस्वीर: Abdul Sabooh

अफगानिस्तान के नाम पर ट्रेनिंग

उमर को पांच से छह महीनों तक ट्रेनिंग मिली. उसे कहा गया कि हमले अफगानिस्तान में करने हैं, लेकिन ट्रेनिंग के बाद उसे पाकिस्तान लाया गया. वह बताता है, "वे मुझे डेरा गाजी खान ले आए. मैंने कहा, यह तो पाकिस्तान है. तो उन्होंने कहा कि ये लोग अमेरिकियों से भी बदतर हैं, क्योंकि ये दरगाहों में इंसानों के आगे सर झुकाते हैं. मैंने हमला करने से इनकार कर दिया. पर उन्होंने कहा कि ये लोग काफिर हैं. मैंने पहले हमले के आधे घंटे बाद खुद को उड़ाने की कोशिश की, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया."

अमेरिका की ओर से पाकिस्तान पर लगातार इस बात का दबाव बनाया गया है कि वह उत्तरी वजीरिस्तान में मौजूद तालीबानी आतंकवादियों को वहां से हटाए. लेकिन पाकिस्तान ने अपनी सेनाएं वहां भेजने से इनकार कर दिया है. पाकिस्तान के अनुसार देश भर में जगह जगह सेना कार्रवाई कर रही है और उत्तरी वजीरिस्तान के लिए अलग से कार्रवाई नहीं की जा सकती.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: वी कुमार

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