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'अलविदा वनडे क्रिकेट'

२३ दिसम्बर २०१२

'जोरदार बाउंसर, तेंदुलकर ने गेंद को कट किया. अद्भुत शॉट और सिक्स.' वनडे में अब ऐसी बातें कभी नहीं सुनाई पड़ेंगी. शतकों और रिकॉर्डों का अंबार लगा चुके सचिन ने वनडे क्रिकेट और टीम इंडिया की नीली पोशाक को अलविदा कह दिया है.

तस्वीर: AP

क्रिकेट जगत के महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन ने वनडे से संन्यास लेने का एलान कर सबको चौंका दिया. रविवार को सचिन ने कहा, "मैंने इस खेल के वनडे फॉरमेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का सदस्य होने का सपना पूरा होना मेरे लिए आशीर्वाद की तरह था."

मास्टर ब्लास्टर के मुताबिक अब टीम इंडिया को अगले वर्ल्ड कप की तैयारी करनी चाहिए, "वर्ल्ड कप 2015 में विश्व विजेता का खिताब बचाए रखने के लिए तैयारियां जितनी जल्दी हो सकें शुरू हो जानी चाहिए. मैं उन्हें भविष्य के लिए असीम शुभकामनाएं देता हूं. मैं तहे दिल से अपने शुभचिंतकों का आभारी हूं जिन्होंने इतने सालों तक बिना शर्त मुझे सहयोग दिया और मुझसे प्यार किया." सचिन टेस्ट क्रिकेट खेलते रहेंगे.

शून्य से शुरूआत

1989 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच से अपने वनडे करियर की शुरुआत करने वाले सचिन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. यह बात अलग है कि पहले मैच में वह खाता भी नहीं खोल पाए. शतकों का अंबार लगा चुके इस खिलाड़ी को पहली सेंचुरी बनाने के लिए भले ही 79 मैचों का इंतजार करना पड़ा लेकिन इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 23 साल बाद वनडे में उनके नाम 49 शतकों के साथ 18,426 रन हैं. वह सबसे ज्यादा 463 वनडे खेलने वाले बल्लेबाज भी हैं.

तस्वीर: Reuters

लेकिन बीते दो साल से सचिन वनडे में बहुत ज्यादा नहीं दिखाई पड़े. इस साल उन्होंने आखिरी वनडे ढाका में पाकिस्तान के खिलाफ खेला, जिसमें भारत की जीत हुई. इसी साल सचिन ने शतकों का शतक भी लगाया. वह पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाए हैं.

आलोचना का साल

हालांकि 2012 सचिन के लिए काफी मुश्किल साल रहा. 39 साल की उम्र में जब शरीर जवाब देने लगे, क्रीज पर लगतार दो-तीन रन चुराने में सांस फूलने लगे, आंखों और हाथों का अचूक तालमेल गडबड़ाने लगे, तब सचिन की आलोचना तीखी हो गई. 2011 के वर्ल्ड कप के बाद तेंदुलकर खुद भी वनडे से दूर रहने लगे. बीते डेढ़ साल में उन्होंने सिर्फ 10 वनडे खेले. मार्च में ही उन्होंने करियर का 100वां शतक जड़ा. इसके बाद सचिन टेस्ट खेलने ही उतरे. लेकिन दो दशक तक क्रिकेट के मैदान में गरजने वाला यह बल्लेबाज हाल के दिनों में टेस्ट में भी फीका रहा.

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सचिन अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए. आलोचक और कई प्रेमी कहने लगे कि सचिन को अब संन्यास ले लेना चाहिए. रविवार को यही हुआ. क्रिकेट के सूर्य तेज प्रताप बिखरने के बाद अब ढलने का फैसला ले लिया है. वह टीम इंडिया की नीली जर्सी में अब कभी नहीं दिखेंगे.

ओएसजे/आईबी (पीटीआई)

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