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वर्ल्ड कप के लिए कौन किससे भिड़ेगा

३० जुलाई २०११

विश्व कप में कौन सी टीमें हिस्सा लेंगी. इसका फैसला करने के लिए क्वालिफाइंग मुकाबले का लक्की ड्रॉ आज. ब्राजील में 2014 का विश्व कप होना है और इसके साथ 64 साल बाद वर्ल्ड कप इस लातिन अमेरिकी देश में लौट रहा है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

ब्राजील दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल होने जा रहा है, जहां फुटबॉल वर्ल्ड कप दो बार हुआ है. इससे पहले फ्रांस, जर्मनी, इटली और मेक्सिको में भी दो बार वर्ल्ड कप आयोजित हो चुके हैं. लातिन अमेरिका में आखिरी बार 1978 में अर्जेंटीना में वर्ल्ड कप खेला गया है.

तस्वीर: AP

अर्जेंटीना और कोलंबिया भी यह वर्ल्ड कप कराना चाहते थे लेकिन बाद में उन्होंने ब्राजील का समर्थन करने का फैसला किया. उसे 2007 में विश्व कप की मेजबानी मिली लेकिन तब से कई सवाल भी पूछे गए हैं. ठीक वैसे ही सवाल, जो पिछली बार दक्षिण अफ्रीका में खेले गए वर्ल्ड कप से पहले पूछे जा रहे थे. ब्राजील की आबादी 19 करोड़ है और सुरक्षा के मामले में उसे कड़ी तैयारी करने की जरूरत है.

कैसे करती हैं टीमें क्वालीफाई

रियो के बेहतरीन माराकाना स्टेडियम में 12 जून, 2014 को पहले मैच में ब्राजील का होना पक्का है लेकिन बाकी के 31 टीमों के नाम अभी तय नहीं हो पाए हैं और उनके बीच किस तरह का मुकाबला खेला जाएगा, उसे आज फीफा तय करने वाला है. वर्ल्ड कप फुटबॉल में कुल 32 टीमें होती हैं. इसमें मेजबान देश अपनेआप क्वालीफाई कर जाता है, जबकि बाकी देशों को अपने अपने महाद्वीप में मैच खेल कर जगह पक्की करनी पड़ती है. पहले पिछले विजेता को भी सीधी इंट्री मिल जाती थी लेकिन 2006 के बाद यह नियम बदल दिया गया और अब उसे भी क्वालीफाई करना पड़ता है.

दुनिया भर के करीब 200 देशों में से 32 देशों को चुना जाना है और अलग अलग महाद्वीपों में इसके लिए अलग अलग नियम होते हैं. लातिन अमेरिका में 18 देशों को दो सालों तक आपस में भिड़ना है. यहां ब्राजील के अलावा चार देशों का वर्ल्ड कप खेलना पक्का है, जबकि पांचवें देश को भी मौका मिल सकता है, जब उसे प्लेऑफ गेम में भिड़ना होता है.

तस्वीर: picture alliance/Agencia Estado

कहां से कितनी टीमें

अलग अलग महाद्वीपों में फुटबॉल की ताकत को देखते हुए वर्ल्ड कप में शामिल होने वाले देशों की अलग अलग संख्या तय की गई है. सबसे ज्यादा 13 टीमें यूरोप से शामिल होती हैं, जबकि अफ्रीका से पांच, दक्षिण अमेरिका और एशिया से साढ़े चार-चार, अमेरिकी महाद्वीपों से साढ़े तीन और ओशियाना से आधी टीम का बंटवारा किया गया है. जिन इलाकों की पूरी टीमें नहीं हैं, उनमें टीमों का अंतिम फैसला दूसरे महाद्वीप की टीमों के खिलाफ प्लेऑफ खेल कर किया जाता है.

यूरोप की सबसे ज्यादा 13 टीमें वर्ल्ड कप फुटबॉल में हिस्सा लेती हैं. 53 टीमें इन जगहों के लिए भिड़ेंगी और उन्हें अलग अलग पॉट में बांटा जाता है. मजबूत टीमों को पॉट वन में रखा जाता है, जिनमें पिछली विजेता स्पेन के अलावा जर्मनी और इटली की टीमें हैं. लेकिन फ्रांस को दूसरे पॉट यानी टू में जाना पड़ा है. इन टीमों को आपस में खेलना होता है और आखिर में 13 टीमें तय होती हैं. नौ ग्रुप विनर सीधे क्वालीफाई कर जाते हैं, जबकि दूसरे नंबर पर रहने वाली आठ टीमों का आपस में मुकाबला होकर बाकी की चार टीमें तय की जाती हैं.

तस्वीर: AP

किसने जीते कितने कप

एशिया में कुल 43 टीमें हैं, जिन्हें साढ़े चार जगहों के लिए मुकाबला करना है और इसे बेहद कड़ा माना जाता है. आखिर में अगर प्लेऑफ में एशियाई टीम हार गई, तो वर्ल्ड कप में सिर्फ चार टीमें ही एशिया से पहुंच पाएंगी. अमेरिका की 35 टीमों में से साढ़े तीन टीमों को 20वें विश्व कप यानी ब्राजील 2014 में खेलने का मौका मिलेगा. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी टीम ओशियाना की आधी सीट के लिए लड़ती हैं और बाद में उन्हें एशियाई टीम से भिड़ कर वर्ल्ड कप में अपनी जगह पक्की करनी होती है.

पहला वर्ल्ड कप 1930 में उरुग्वे में खेला गया था, जिसे मेजबान देश ने ही जीता. ब्राजील सबसे ज्यादा पांच बार मुकाबला जीता है, जबकि इटली ने चार और जर्मनी ने दो बार विश्व कप हासिल किया है. उरुग्वे और अर्जेंटीना ने दो दो बार और स्पेन, इंग्लैंड तथा फ्रांस ने एक एक बार इस खिताब को जीतने में कामयाबी हासिल की है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ईशा भाटिया

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