वाडा और यूसीआई में झगड़ा, आयोग भंग
३० जनवरी २०१३लांस आर्मस्ट्रॉन्ग को लेकर वाडा और यूसीआई का झगड़ा और गहरा गया है. वाडा के प्रमुख जॉन फेही ने मंगलवार को यूसीआई के साथ सत्य और सुलह समिति में काम करने से मना कर दिया. फाही ने एक बयान में कहा कि वाडा ने ऐसा अतीत में नहीं किया है और भविष्य में भी यूसीआई के साथ कोई सहयोग नहीं करेगा जब तक उसका एकतरफा और अभिमानी रुख बरकरार रहता है.
यूसीआई के प्रमुख पेट मैकक्वेड ने कहा, "वाडा के अध्यक्ष जॉन फेही ने मुझे बताया है कि वाडा का स्वतंत्र कमीशन की मोजूदा प्रक्रिया में कोई भरोसा नहीं है. इसलिए हमने इस कमीशन को और पैसा नहीं देने और उसे तुरत प्रभाव से भंग करने का फैसला किया है." मैकक्वेड ने अनुसार फेही ने उनसे कहा है कि वाडा स्वयं अपना सत्य और सुलह आयोग बनायेगा. अमेरिकी एंटी डोपिंग एजेंसी उसाडा ने भी यूसीआई के साथ सहयोग करने से मना कर दिया था.
वाडा ने मैकक्वेड के बयान पर क्षोभ व्यक्त किया है. फेही ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "वाडा यूसीआई की कार्रवाई पर क्षुब्ध है. वह न सिर्फ तथ्यात्मक रूप से गलत है बल्कि मक्कारीपूर्ण भी है. हमने आयोग के सदस्यों की स्वतंत्रता और ईमानदारी में कभी संदेह नहीं किया है." उन्होंने कहा कि सत्य यह है कि यूसीआई ने जब अपना बयान दिया तो वाडा उसकी ओर से सहयोग के संबंध में जवाब का इंतजार कर रहा था. फेही ने इस बात की भी आलोचना की है कि यूसीआई आर्मस्ट्रॉन्ग के मामले में संदिग्ध अपराध की जांच पूरी कर अपने खेल के लिए जिम्मेदारी लेने से इंकार कर रहा है.
विघटित आयोग ने अपनी पहली प्रक्रिया में निराशा का इजहार किया है. एक बयान में आयोग ने कहा, "न तो यूसीआई ने और न ही दूसरे लोगों ने अपने सहयोग में हमें अपना काम करते देने का प्रयास नहीं किया." यूसीआई के स्वतंत्र आयोग में ब्रिटेन के सर फिलिप ओटन, बैरोनेस तानी ग्रे थॉमसन और ऑस्ट्रेलिया के वकील मैलकम होम्स थे. उन्हें लांस आर्मस्ट्रॉन्ग के मामले में यूसीआई के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करनी थी.
यूसीआई पर आरोप लगा है कि उसे आर्मस्ट्रॉन्ग की डोपिंग का पता था या कम से कम उसने उसे बर्दाश्त किया. इन आरोपों की वजह यह भी है कि आर्मस्ट्रॉन्ग ने यूसीआई को 1,25,000 डॉलर का चंदा दिया था. हाल ही में यूसीआई के पूर्व अध्यक्ष हाइन फरब्रुगेन ने कहा था कि खेल संगठनों में यह आम प्रथा थी कि संदिग्ध खिलाड़ियों को यह बताया जाता था कि वे निगरानी में हैं. वाडा का कहना है कि यह डोपिंग के खिलाफ प्रभावकारी कदम उठाने के पूरी तरह खिलाफ है.
एमजे/एजेए (डीपीए, एसआईडी)