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वापस आना चाहते हैं सीमा पार गए कश्मीरी

७ मार्च २०११

जम्मू कश्मीर सरकार के पास पाकिस्तानी कश्मीर में गए 600 कश्मीरी आतंकवादियों के परिवारों ने पुनर्वास नीति के तहत वापसी के लिए आवेदन किया है. ये लोग पाकिस्तानी कश्मीर से वापस लौटना चाहते हैं.

तस्वीर: UNI

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने बताया, "हमें 600 युवाओँ के परिवार और रिश्तेदारों की तरफ से उनकी वापसी के लिए आवेदन मिले हैं उनकी जांच की जा रही है." मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि जल्दी ही सरकार इन आवेदनों पर अपनी रजामंदी की मुहर लगा देगी और सरहद पार गए युवा वापस लौट सकेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सीमा पार हथियारों की ट्रेनिंग लेने गए थे. वे बिना बंदूकों के बीवी बच्चों के साथ वापस लौटेंगे और सम्मान के साथ जीवन बिताएंगे."

तस्वीर: AP

पिछले दो महीनों मे जमा किए गए इन आवेदनों को संबंधित जिले के पुलिस प्रमुखों के पास भेज दिया गया है. इन आवेदनों में मां बाप और रिश्तेदारों ने दावा किया है कि युवा घर लौटने के लिए तैयार हैं. पिछले साल नवंबर में राज्य सरकार ने नई पुनर्वास नीति का एलान किया था. यह नीति उन लोगों के लिए है जिन्होंने हथियारों की ट्रेनिंग के लिए सरहद तो पार कर ली लेकिन बाद में आतंकी कार्रवाईयों में शामिल होने से इनकार कर दिया और बंदूक छोड़ दी. अब ये लोग वापस लौटना चाहते हैं. नई नीति के अनुसार जो युवा 1 जनवरी 1989 से 31 दिसंबर 2009 के बीच पाकिस्तानी कश्मीर चले गए उनके परिवारों को इस योजना में शामिल किया गया है.

आवेदनों की जिले के पुलिस सुपरिटेंडेंट जांच करेंगे और उसके बाद इसे सीआईडी के पास भेजा जाएगा. इसके बाद सीआईडी दस्तावेजों का डॉजियर तैयार कर गृह मंत्रालय के पास भेजेगा. वापसी की मंजूरी पर आखिरी फैसला गृह मंत्रालय को ही करना है. इस योजना के तहत वापस लौटने वाले युवा पंजाब के वाघा बॉर्डर और नियंत्रण रेखा पर सलामाबाद और चकन दा बाघ से जम्मू कश्मीर में वापसी कर सकेंगे.

वापसी के बाद इन लोगों को तीन महीने तक परामर्श केंद्र में रखा जाएगा. इन लोगों को ऐसी कोई सुविधा नहीं मिलेगी जो पहले समर्पण करने वाले आतंकवादियों को पुनर्वास के लिए दी जाती थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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