यूरोप के सबसे बड़े एक्स रे लेजर प्रोजेक्ट एक्स-एफईएल से हमारी धरती की छोटी से छोटी नैनो संरचनाओं की भी जांच हो पाएगी. इसकी मदद से किसी कोशिका के भीतर होने वाली गतिविधियों को भी टीवी या रेडियो के सीधे प्रसारण की तरह लाइव देखा जा सकेगा. जैसे कि ये देखना कि प्रकाश संश्लेषण में पौधे पर पड़ने वाला प्रकाश ऊर्जा में कैसे बदलता है.