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वायरस के खिलाफ जंग में चीन को अमेरिका का समर्थन

७ फ़रवरी २०२०

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भरोसा जताया है कि चीन कोरोना वायरस से फैली महामारी को रोकने में सक्षम है. चीन में इस वायरस से अब तक छह सौ से ज्यादा मौतें हो गई हैं जबकि अन्य कई देशों में भी इसके मामले सामने आए हैं.

China Wuhan Labor testet auf Coronavirus
तस्वीर: AFP

व्हाइट हाउस ने एक वक्तव्य में कहा कि ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बात की और ट्रंप ने "2019 के नए कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने की चुनौती में चीन की ताकत और उसकी क्षमता में विश्वास व्यक्त किया है. वक्तव्य में यह भी कहा गया कि, "दोनों नेताओं की इस बात पर सहमति हुई कि दोनों देशों के बीच बातचीत और सहयोग जारी रहेगा". 

इससे पहले चीनी मीडिया में खबरें थी कि कोरोना वायरस के मुद्दे पर दोनों देशों के नेताओं  ने बात की है. व्हाइट हाउस ने अपने बयान में बातचीत की पुष्टि करते हुए कहा है कि दोनों नेताओं ने व्यापारिक मुद्दों पर भी बात की. बयान के मुताबिक, "दोनों नेताओं ने हाल में अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण की व्यापार संधि पर भी चर्चा की जो एक बड़ी उपलब्धि है और इसे लागू करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई." 

जिनपिंग ने भी ट्रंप को विश्वास दिलाया कि वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए चीन हर संभव प्रयास कर रहा है. इसके पहले, उन्होंने वायरस के खिलाफ एक "जन युद्ध" की घोषणा की थी.

तस्वीर: Imago Images/Ritzau Scanpix/Li/Ropix

दोनों नेताओं के बीच ये बातचीत उस समय आई जब लोग उस डॉक्टर के मारे जाने पर शोक व्यक्त कर रहे थे जिसने सबसे पहले वायरस के बारे में लोगों को आगाह करने की कोशिश की थी, लेकिन तब पुलिस ने उसे चुप करा दिया था. 34 वर्षीय नेत्र-विशेषज्ञ ली वेनलिआंग उन आठ लोगों में से एक थे जिन्हें महामारी के केंद्र वूहान में पुलिस ने फटकार लगाई थी. पुलिस का आरोप था कि इन लोगों ने वायरस के बारे में "गैर-कानूनी और झूठी" जानकारी फैलाई थी. 

उन्होंने चीनी सोशल मीडिया पर डॉक्टरों के एक समूह को एसएआरएस जैसे एक नए कोरोनावायरस के बारे में चेतावनी देते हुए संदेश भेजे थे. तीन जनवरी को पुलिस ने उनसे जबरन एक चिट्ठी पर हस्ताक्षर करवाए जिसमें लिखा था कि उन्होंने "सामाजिक व्यवस्था को गंभीर रूप से भंग" किया था. पुलिस ने उन पर आपराधिक आरोप लगाने की धमकी भी दी थी. 

सोशल मीडिया पर चीन के कई लोगों ने उन्हें एक हीरो बताया और अधिकारियों पर महामारी को शुरूआती दौर में ही न रोक पाने की अयोग्यता का आरोप लगाया. सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पीपलस डेली ने ट्विटर पर कहा, "हमें डॉक्टर ली की मौत पर बेहद अफसोस है..." लेकिन ऐसे भी संकेत उभर रहे थे जो इस बात की तरफ इशारा कर रहे थे कि उनकी मौत पर चर्चा को सेंसर किया जा रहा है.

तस्वीर: AFP/G. Baker

इसी बीच चीन के मुख्य भूभाग में महामारी से मरने वालों की संख्या 636 हो चुकी है. संक्रमण के कुल मामले 31,161 तक पहुंच चुके हैं. चीन में कई शहर पूरी तरह से बंद पड़े हुए हैं, उड़ानें रद्द हैं और फैक्ट्रियां बंद हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापारों तक आपूर्ति की लाइनें काट गई हैं. राजधानी बीजिंग एक भूतिया शहर की तरह नजर आ रहा है. शहर का मुख्य रास्ता चंगान एवेन्यू लगभग पूरी तरह से खाली है और तियानामेन चौक, ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल और फोर्बिडन सिटी जैसे आकर्षण के केंद्रों से सैलानी गायब हैं. 

सीके/एके (एफपी/रायटर्स)

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