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आपदा

वास्को डी गामा एक्सप्रेस हादसे में तीन की मौत

२४ नवम्बर २०१७

गोवा से पटना जा रही वास्को डी गामा एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतरे. हादसे में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और नौ लोग जख्मी हुए.

Indien Zugunglück
तस्वीर: Getty Images/AFP/STR

उत्तर प्रदेश के मानिकपुर स्टेशन से पटना की ओर रवाना होने के कुछ ही देर बाद 13 डिब्बे पटरी से उतर गये. हादसा शुक्रवार सुबह करीब सवा चार बजे हुआ. उस वक्त ज्यादातर यात्री गहरी नींद में थे.

गोवा से निकली ट्रेन वास्को डी गामा एक्सप्रेस बिहार की राजधानी पटना जा रही थी. स्थानीय पुलिस अधिकारी प्रताप गोपेंद्र सिंह के मुताबिक, "डिब्बों में फंसे लोगों को हम निकाल चुके हैं और घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है."

वीडियो: ऐसे झटकों से होते हैं रेल हादसे

भारतीय रेल के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने कहा, "तीन यात्रियों की मौत हो गयी है और तीन गंभीर रूप से घायल हैं." मृतकों में छह साल का एक बच्चा और उसके पिता भी हैं.

दुर्घटनास्थल पर घना कोहरा लगा है, जिसकी वजह से राहत और बचाव के काम में दिक्कत आ रही है. पुलिस ने आशंका जताते हुए कहा कि हादसा टूटी पटरी की वजह से हुआ होगा. सरकार ने मृतकों के परिवारजनों को 5,00,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है."बुलेट ट्रेन छोड़िए, पहले पटरियां तो सुधार लीजिए"

हादसे की वजह से पूर्वोत्तर भारत की तरफ जाने वाली मुख्य रेल लाइन बाधित हुई है. इस रूट से गुजरने वाली बाकी ट्रेनें देरी से चल रही हैं.

आए दिन होते हादसों की वजह से भारतीय रेल की हालत खराब हो चुकी है. भारत में अब भी ज्यादातर लोग लंबी दूरी का सफर ट्रेनों से करते हैं. पटरियों की खस्ता हालत, पुराने डिब्बे और इंसानी लापरवाही के चलते देश में हर साल सैकड़ों लोग रेल हादसों का शिकार होते हैं. 2012 में सरकार की एक रिपोर्ट जारी हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 15,000 लोग रेल हादसों में मारे जाते हैं. हादसों को वार्षिक "नरसंहार" भी कहा गया था.

(किस देश में कितने रेल यात्री)

ओएसजे/आईबी (डीपीए, एएफपी)

 

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