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विंबलडन का पहला दिन: उलट-पुलट औऱ फिसलन

२३ जून २००९

टेनिस जगत की मशहूर विंबलडन चैंपियनशिप पूरी भव्यता के साथ सोमवार को शुरू हो गयी. लेकिन भव्यता, ग्लैमर और रोंमांच के अलावा पहले दिन और भी बहुत कुछ हुआ उलटा पुलटा, अजीबोग़रीब और दिलचस्प.

घास पर श्रेष्ठता की जंगतस्वीर: picture-alliance / dpa

स्पेन के रफ़ाएल नडाल नहीं थे तो फेडरर ने सेंटर कोर्ट में प्रतियोगिता का उदघाटन किया, मारिया शारापोवा घास में फिसल गयी, योकोविच लड़खड़ा गए, फेडरर के पांव भी फिसलते रहे और बेनेतियु तो बेचारे हारे सो हारे, लहुलूहान होकर कोर्ट से निकले. और हां भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा के कपड़ों का किट न जाने कहां ग़ायब हुआ कि उन्हें साथी खिलाड़ी से कपड़े उधार मांगने की नौबत आ गयी. वो तो अच्छा हुआ कि बात मज़ाक मज़ाक में ही ख़त्म भी हो गयी.

पिछली बार की चैंपियन नडाल नहीं खेलेंगेतस्वीर: AP

विबंलडन 2009 का भव्य आगाज़ सोमवार को हरी घास के सेंटर कोर्ट पर उदघाटन समारोह के साथ हुआ. और कमान संभाली पिछले साल के उप विजेता रोजर फेडरर ने. पिछले साल के चैंपियन को ये ज़िम्मेदारी मिलती है. लेकिन रफाएल नडाल क्योंकि चोट की वजह से बाहर हैं लिहाज़ा उनसे हारने वाले फेडरर को इस बार ये सम्मान मिला. फेडरर इस बार खुश भी हैं उनके पास 15 वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने का ऐतिहासिक अवसर है. उदघाटन और अपने पहले मैच के लिए फेडडर अपनी चिरपरिचित स्निग्ध मुस्कान के साथ विंबलडन की सफेद पोशाक में कुछ इस तरह आए कि वो सेना के जनरल लग रहे थे. मीडिया ने उनके इस फैशन इज़हार के बारे में पूछा तो फेडरर ने चुटकी ली कि उम्मीद है लोग उनकी स्टाइल को पसंद करेंगे.

खैर अब बात करते हैं फिसलनों की. सेंटर कोर्ट की घास पर नमी की वजह इतनी फिसलन थी कि हर खिलाड़ी लड़खड़ाता ही रहा. कुछ गिरे कुछ चोटिल भी हुए. फेडरर को जिमनास्टी करतब से खुद को गिरने से बचाना पड़ा. लेकिन जोकोविच और बेनेतियु इतने ख़ुशकिस्मत नहीं रहे. जोकोविच फिसलते रहे और झुंझलाते रहे और उनके सामने बेनेतियु बेचारे ऐसे गिरे कि अपना घुटना लहुलूहान करा बैठे. मैच प्वायंट का मौका था और वो ऐसा फिसले की उनका रैकेट छिटक गया. वो गिरे और घुटना छील गया. लेकिन हौसला देखिए कि फिर लौटे और हारने से पहले जमकर खेले. उनके खेल पर लोगों ने खड़े होकर तालिया भीं बजायीं.

पहले राउंड में जीतीं सानियातस्वीर: AP

रूस की टेनिस सुंदरी मारिया शारापोवा के साथ भी अजीब ही हुआ. वो दो बार फिसलीं और घास पर ऐसे गिरीं कि क्या दर्शक क्या रैफरी, सब लोग देखते ही रह गए. अब सानिया मिर्ज़ा की सुनिए. वो अपना पहला मैच जीत गयी हैं, जर्मनी की आना लेना ग्रएनफेल्ड को हराकर. दूसरे दौर में उनका मुक़ाबला रुमानिया की सोराना क्रिस्टिया से है जो बकौल सानिया उनकी अच्छी दोस्त भी हैं. सानिया ने कहा कि ''उनके किट में पर्याप्त कपड़े नहीं मिले तो उन्होंने क्रिस्टिया से कहा कि तुम मुझे पहनने के लिए कुछ दोगी. जिस पर क्रिस्टिया ने हामी भरी.'' सानिया के मुताबिक उन दोनों ने अपने अपने किट दुरूस्त कर लिए और अब कोई मसला नहीं है.

पुर्तगाल की किशोर खिलाड़ी मिशेल डे ब्रिटों खेलते हुए अपनी हुंकार के लिए चर्चा में रहती हैं. उनका कहना है कि उन पर जुर्माना हो जाए तो भी वो इस आदत को तो नहीं छोड़ेंगी. क्योंकि मैच जीतनें में उन्हें इससे मदद मिलती है. बहरहाल लोग हैरान इस बात पर थे कि इस इरादे के बावजूद अपना पहला मैच जीतने के दौरान ब्रिटो ख़ामोश ही रहीं. दर्शक तो उसकी हुंकार ढूंढते ही रह गए.


रिपोर्ट- रायटर्स/एएफपी/एस जोशी

संपादन- एस गौड़

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