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विकास नहीं भ्रष्टाचार है चुनाव का मुद्दा: पासवान

२९ अक्टूबर २०१०

बिहार में चुनाव का खुमार जनता और नेता दोनों के सिर चढ़ कर बोल रहा है. एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं वहीं लालू और पासवान की अगुआई वाला गठजोड़ भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बता रहा है.

एलजेपी नेता रामविलास पासवानतस्वीर: UNI

विधानसभा चुनाव में मुख्य घटक दल लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने डॉयचे वेले से बातचीत में कहा कि बिहार में विकास के दावे पूरी तरह से खोखले हैं और इनकी हवा निकल चुकी है.

चुनाव परिणाम का ऊंट किस करवट बैठेगा इसके जवाब में पासवान कहते हैं, "हमारा गठबंधन दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन की हवा निकल गई है और लोगों ने इन्हें नकार दिया है."

चुनाव में विकास के मुद्दे को गलत बताते हुए वह कहते हैं कि सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार है. नीतीश कुमार की सरकार ने अब तक के सबसे बड़े घोटालों को इन चार सालों में अंजाम दिया है. दो साल में 11 हजार 412 करोड़ रुपए का घपला हुआ है और यह सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में पकड़ा है. दूसरी बात यह है कि इस सरकार ने बिहार में सुई तक का कारखाना नहीं लगाया, चार साल में एक मेगावाट बिजली तक नहीं बनाई और गांव गांव में शराब की दुकानें खोल दी हैं."

तस्वीर: UNI

चुनावी सर्वेक्षणों में नीतीश को बढ़त दिए जाने के सवाल पर पासवान कहते हैं, "भारत में सर्वेक्षण कैसे होता है वह हमें मालूम है. अगर हमारे पास भी 25 करोड़ रुपया होता तो इन सर्वेक्षणों में हमारी भी तीन चौथाई बहुमत से सरकार बनवा दी जाती. यह सब पेड न्यूज से चल रहा पैसे का खेल है और ये जो पेड न्यूज है इसके खिलाफ पूरी दुनिया में मुहिम चलाई जानी चाहिए. पैसे के लिए अगर मीडिया गलत रिपोर्ट देने लगे तो फिर लोकतंत्र का क्या होगा."

आगामी विधानसभा में आरजेडी एलजेपी गठजोड़ की उभरने जा रही तस्वीर के सवाल पर उनका कहना है कि उन्हें हर हाल में दो तिहाई से ज्यादा सीटें मिलना तय है, इसमें कोई शक ही नहीं है. लेकिन त्रिशंकु विधानसभा बनने की स्थिति में किस तरफ जाना पसंद करेंगे? इस सवाल पर पासवान का कहना है, "जब हमें अपन बलबूते दो तिहाई सीटें जीतने का भरोसा है तो फिर किस के साथ जाने या किसे अपने साथ लेने का सवाल ही नहीं उठता है."

बहरहाल विधानसभा की असल तस्वीर क्या होगी यह चुनाव परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. पूरा दारोमदार बिहार की जनता के ऊपर है जो बारीकी से नेताओं के दावों को परख रही है.

रिपोर्टः निर्मल यादव

संपादनः वी कुमार

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