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विकास सभी तबक़ों तक पहुंचेगा: चियापाओ

५ मार्च २०१०

चीन के प्रधानमंत्री वेन चियापाओ ने आर्थिक विकास की तेज़ दर के जारी रहने की उम्मीद जताई है और भरोसा दिलाया है कि विकास का फ़ायदा समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाया जाएगा. चीन में अमीर ग़रीब के बीच की खाई बढ़ने पर चिंता.

प्रधानमंत्री चियापाओतस्वीर: AP

संसद में देश के नाम वार्षिक संबोधन 'स्टेट ऑफ़ द नेशन' में चियापाओ ने बढ़ती महंगाई को रोकने और बैंकों से आसान कर्ज़ की प्रक्रिया पर लगाम कसने का वादा किया है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन फ़िलहाल तेज़ी से आगे बढ़ रही है लेकिन यह भी आशंका जताई जाती रही है कि वह एक बढ़ते बुलबुले की तरह कभी भी फूट सकती है.

प्रधानमंत्री चियापाओ ने कहा कि चीन 2010 के लिए 8 फ़ीसदी की विकास दर का लक्ष्य रख रहा है. वैश्विक मंदी से लड़ाई के चलते इस साल को उन्होंने बेहद अहम क़रार दिया है.

तस्वीर: AP

"इस साल हमने कुछ सामाजिक और आर्थिक लक्ष्य तय किए हैं. हमें जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को आठ फ़ीसदी बढ़ाना है जबकि क़ीमतों में वृद्धि को तीन प्रतिशत के आस पास ही रखना है." वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद चीन में पिछले साल अर्थव्यवस्था 8.7 फ़ीसदी की विकास दर से आगे बढ़ी.

आर्थिक मंदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि विदेशी व्यापार की भी अपनी सीमाएं हैं. इसके चलते नेशनल पीपल्स कांग्रेस की कोशिश होगी कि अपने एजेंडे में चीन की अर्थव्यवस्था की निर्भरता सस्ते निर्यात से हटाई जाए. प्रधानमंत्री चियापाओ ने इसी ओर संकेत करते हुए कहा कि आर्थिक विकास को बरक़रार रखते हुए विकास के ढांचे में बदलाव लाने की कोशिश होगी.

अर्थव्यवस्था को बहुआयामी बनाने के लिए उन्होंने घरेलू खपत पर ज़ोर देने की बात कही है और ऐसी वित्तीय नीति को बनाए रखने का पक्ष लिया है जिसमें चुनौतियों का सामना करने के लिए पहले से ही क़दम लिए जाएं. वित्तीय संकट के दौरान चीन ने साल 2008 में 586 अरब डॉ़लर के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज को पेश किया था.

पिछले साल पूरे हुए क्रांति के 60 सालतस्वीर: AP

चियापाओ ने स्पष्ट किया है कि चीन अपनी मुद्रा युआन के मूल्य को स्थिर रखने के प्रयास करेगा. उनकी इस घोषणा से चीन के साथ व्यापार करने वाले पश्चिमी देश नाराज़ हो सकते हैं क्योंकि वे मानते हैं कि निर्यात को बढ़ाने के लिए चीन जानबूझकर अपनी मुद्रा को कमज़ोर रखता है.

चीन में अमीर और ग़रीब के बीच बढ़ती दूरी को पाटने और सामाजिक असंतुलन को कम करने के लिए प्रधानमंत्री चियापाओ ने सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने का वादा किया है. "अर्थव्यवस्था के विकास के ज़रिए हम समृद्धि पाने की कोशिश करेंगे और फिर आमदनी के सही वितरण के ज़रिए उसे लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे."

चीन मान कर चल रहा है कि उसका बजट घाटा बढ़ कर 154 अरब डॉलर हो जाएगा जो पिछले साल के मुक़ाबले 10 फ़ीसदी ज़्यादा है. चीन में बैंक आसानी से लोगों को कर्ज़ उपलब्ध करा रहे हैं जिसके चलते महंगाई के बढ़ने की आशंका बढ़ गई है. इसी को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री चियापाओ ने कहा है कि बैंक कर्ज़ों को इस साल 20 फ़ीसदी तक कम किया जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

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