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विकीलीक्स कांडः स्वीडन की सरकारी साइट पर हमला

९ दिसम्बर २०१०

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज की गिरफ्तारी और उनके खाते सील किए जाने के बाद उनके समर्थकों ने साइबर हमला तेज कर दिया है. मास्टरकार्ड और बैंकों पर साइबर हमले के बाद स्वीडन की एक सरकारी वेबसाइट को हैक कर लिया गया.

तस्वीर: dpa

स्वीडन के सरकारी वकील कार्यालय की वेबसाइट को हैक कर लिया और घंटों इस पर काम नहीं किया जा सका. स्वीडन के एक अखबार ने स्क्रीनशॉट की तस्वीर के साथ इस खबर को छापा है. इसी कार्यालय ने यौन अपराध के मामले में असांज के खिलाफ मुकदमा शुरू किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वेबसाइट पर घंटों लिखा रहा कि सर्वर तक पहुंच नहीं बनाई जा सकती है. इसके बाद गुरुवार को ही वेबसाइट दोबारा शुरू की जा सकी.

विकीलीक्स के समर्थकों ने स्वीडन के न्याय मंत्री बियाट्रिस आस्क के नाम पर एक वेबसाइट शुरू किया है और इस पर क्लिक करते ही यह साइट विकीलीक्स की साइट पर रीडायरेक्ट हो जाती है.

तस्वीर: AP

असांज के समर्थन में हजारों कंप्यूटर स्वयंसेवी सामने आ गए हैं. उनका कहना है कि असांज ने सच्चाई को सामने लाकर बहुत बड़ा काम किया है. इसके आयोजकों का कहना है, "हमने सिर्फ 50 लोगों के साथ काम शुरू किया लेकिन अब हमारे साथ 4000 लोग जुड़ चुके हैं."

आयोजक लोगों को इंटरनेट पर हर जगह से, फेसबुक, ट्विटर, इमेजबोर्ड, हर जगह से अपने साथ शामिल कर रहे हैं. इनका पहला हमला अमेरिकी वेबसाइट पेपाल पर हुआ, जब उसके ब्लॉग साइट को हैक कर लिया गया. आठ घंटे तक इस साइट पर कोई काम नहीं हो पाया. इसके बाद उन्होंने मास्टरकार्ड, वीजा और स्विस पोस्ट के बैंक पर साइबर हमला किया क्योंकि उन्होंने विकीलीक्स से कारोबारी रिश्ता तोड़ लिया है.

विकीलीक्स समर्थकों ने बुधवार को अमेरिकी उप राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा लेने वाली सारा पेलिन और अमेरिकी सीनेटर जो लिबरमैन की वेबसाइट को हैक करने की भी कोशिश की. इन दोनों ने अमेरिकी कंपनियों से अपील की है कि वे असांज से रिश्ता तोड़ लें.

यौन अपराध के सिलसिले में ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांज ब्रिटेन में गिरफ्तार किए गए हैं. उनके वकील का कहना है कि असांज अच्छी हालत में हैं और उन्हें भरोसा है कि वह केस जीतेंगे. पिछले हफ्ते अमेरिका के ढाई लाख खुफिया संदेशों को सार्वजनिक कर असांज ने तहलका मचा दिया. इसके बाद से उन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया है. उनके समर्थकों ने कहा है की असांज की गिरफ्तारी के बाद भी संदेश लीक होते रहेंगे.

रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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