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"विकीलीक्स खुलासा करने वाले अपराधी"

३० नवम्बर २०१०

अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा है कि विकीलीक्स और उसमें जानकारी के खुलासे के पीछे सारे लोग "अपराधी" हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा इससे 'खुश नहीं हैं.'

तस्वीर: dpa

व्हाइट हाउज के प्रेस सचिव रॉबर्ट गिब्स ने कहा, जिन लोगों ने दो लाख 25,000 के करीब सुरक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों का खुलासा किया है, वे सबसे पहले 'अपराधी' थे और उन्होंने एक 'गंभीर' जुर्म किया है. "यह कानून के खिलाफ है और उन लोगों के लिए खतरा है जो हमारी विदेश नीति को कार्यान्वित करते हैं और उसमें मदद करते हैं." गिब्स ने कहा कि विकीलीक्स के खुलासे से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में बदलाव नहीं किए जाएंगे.

गिब्स ने कहा कि ओबामा खुलासे से काफी नाखुश हैं. अमेरिकी अधिकारी उन लोगों को खोजने में लगे हुए हैं जिन्होंने संवेदनशील जानकारी को इस तरह पेश किया है. "जाहिर है कि संवेदनशील जानकारी की चोरी और उसके प्रचार को लेकर एक आपराधिक जांच की जा रही है." हालांकि उन्होंने कहा कि इस जानकारी के बाद भी अमेरिकी विदेश नीति वैसी की वैसी रहेगी और अमेरिका के फायदों को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर काम चलता रहेगा.

प्रेस सचिव गिब्सतस्वीर: AP

उन्होंने साथ में कहा है कि वॉशिंगटन के मुताबिक, अगर अमेरिका कुछ विशेष मुद्दों पर वैश्विक स्तर पर कार्रवाई करता है, तो इससे दुनिया को फायदा होगा. "अगर इन मुद्दों पर अमेरिका जोर नहीं दे तो इन पर आगे बढ़ने के बारे में हम सोच नहीं सकते." ईरान की मिसाल देते हुए गिब्स ने कहा कि उत्तर अमेरिका, यूरोप और मध्यपूर्व में सारे देश एक परमाणु समर्थ ईरान से पैदा होने वाले खतरे के बारे में जानते हैं.

हालांकि ईरान ने भी विकीलीक्स में निकाली गई जानकारी की निंदा की है. ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने कहा कि दस्तावेजों में बहुत सारी जानकारी, 'बेकार बदमाशी' है जिससे उनके देश और अरब देशों के बीच संबंधों में खराबी नहीं होगी. विकीलीक्स के मुताबिक सउदी अरब ने अमेरिका से ईरान पर हमला करने पर जोर दिया. सउदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इन दस्तावेजों की सच्चाई के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता और सउदी अरब कोई टिप्पणी नहीं देगा.

अफगानिस्तान से एक बयान में राष्ट्रपति करजई के प्रवक्ता ने भी इस बात की पुष्टि की. विकीलीक्स में अफगानी राष्ट्रपति को एक "बहुत कमजोर" व्यक्ति कहा गया है. जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस ने भी विकीलीक्स दस्तावेजों को खारिज किया है. फ्रांस के राष्ट्रपति सार्कोजी के बारे में लिखा गया था कि वे 'जल्दी चिढ़ जाने वाले' और 'तानाशाह' कहा है. जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा, "यूरोपीय राजनीतिज्ञों पर कुछ टिप्पणियों से हमे परेशानी है लेकिन वे कोई अहमियत नहीं रखते. दूसरी तरफ लोगों की जान को खतरा हो सकता है." विवाद से रूस भी नहीं बच पाया है. प्रधानमंत्री पुतिन को बैटमैन और राष्ट्रपति को उनकी कठपुतली रॉबिन बताया जा रहा है.

उधर, अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर काम कर रहे विशेषज्ञों का कहना है कि विकीलीक्स के खुलासे से कूटनीति से संबंधित लोगों के काम करने के तरीके में बदलाव आएंगे. इंस्टिच्यूट फॉर इंटरनैशनल एंड स्ट्रेटीजिक रिलेशंस के पास्काल बोनिफास कहते हैं कि विकीलीक्स के खुलासे से कूटनीतिज्ञों के बीच संपर्क पर सवाल उठते हैं. कहते हैं, "अमेरिका के लिए एक धक्का है. कूटनीतिक स्तर पर यह शर्मनाक है, लेकिन इसे कूटनीतिक हार नहीं कहा जा सकता. इससे अमेरिका की छवि को नुकसान होता है."

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः एस गौड़

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