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विजेंदर बाहर, मेरी कोम का पदक पक्का

७ अगस्त २०१२

भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह मिड्लवेट क्वार्टर फाइनल का अपना मुकाबला हार गए. लगातार दूसरी बार ओलंपिक पदक जीतने का उनका सपना टूट गया. वहीं सेमीफाइनल में पहुंची महिला मुक्केबाज मेरी कोम को पदक मिलना तय है.

तस्वीर: dapd

विजेंदर सिंह ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में भारत के लिए मुक्केबाजी में पहला ओलंपिक पदक जीता था. उनसे इस बार भी पदक की उम्मीद की जा रही थी लेकिन लंदन के एक्सेल एरेना में हुए क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के अबॉस अतोएव उनसे बेहतर साबित हुए. अतोएव ने 26 वर्षीय विजेंदर को 17-13 से हराया.

विजेंदर की हार से निराश भारतीय टीम के लिए एमसी मेरी कोम ने पदक की उम्मीद जगाए रखी. उन्होंने 51 किलोग्राम के वर्ग में ट्यूनीशिया की मारूआ रहाली को 15-6 से हराया. पांच बार विश्व चैंपियन रही मेरी कोम को ओलंपिक में पहली बार हो रही महिला बॉक्सिंग में कम से कम कांस्य का पदक मिलना तय ही है. बॉक्सिंग में कांस्य पदक के लिए सेमीफाइनल हारने वालों के बीच मुकाबला नहीं होता. सेमीफाइनल में मेरी कोम का मुकाबला ब्रिटेन की निकोला एडम्स से होगा.

तस्वीर: dapd

कर्णम मल्लेश्वरी और साइना नेहवाल के बाद वे ओलंपिक पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला होंगी. उनका पदक भारत के लिए भी ऐतिहासिक पदक होगा. लंदन ओलंपिक में भारत अब तक तीन पदक जीत चुका है और मेरी कोम का पदक उसके लिए चौथा पदक होगा जो किसी भी ओलंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. अब तक भारत ने सबसे ज्यादा तीन मेडल बीजिंग ओलंपिक में जीते हैं.

भारत के लिए पदक की एक और उम्मीद अमेरिका में रहने वाले एथलीट विकास गौड़ा हैं जो पुरुषों के चक्का फेंक के फाइनल के लिए क्वालिफाई कर गए हैं. बुधवार को होने वाले फाइनल के लिए क्वालिफाइंग दौर में गौड़ा ने 65 मीटर के क्वालिफाइंग दूरी से 20 सेंटीमीटर ज्यादा दूर चक्का फेंका और फाइनल में पहुंचने वाले खिलाड़ियों में पांचवें रहे. 29 वर्षीय गौड़ा का बेहतरीन प्रदर्शन 66.28 मीटर है.

एमजे/ओएसजे (एएफपी, पीटीआई)

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