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विजेता डॉर्टमुंड का सुनहरा अंत

१५ मई २०११

जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा में पहली ही जीत पक्की कर चुकी डॉर्टमुंड की टीम ने आखिरी मुकाबला भी जीत लिया. डॉर्टमुंड और बायर लेवरकूजन की टीम चैंपियंस ट्रॉफी के लिए तय, जबकि बायर्न म्यूनिख को क्वालीफाइंग में भिड़ना होगा.

तस्वीर: dapd

बुरुसिया डॉर्टमुंड ने इस सीजन में कमाल का खेल खेला और आखिरी मैच में फ्रैंकफर्ट पर 3-1 की जीत दर्ज की. इस जीत के साथ उनके 75 अंक हो गए. चैंपियनशिप तो वह पहले ही जीत चुके थे लेकिन उसका अंत शानदार रहा. फ्रैंकफर्ट की हार ने उसे तालिका में 17वें नंबर पर धकेल दिया और अगले सीजन में वह बुंडेसलीगा में नजर नहीं आएगा.

जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा में हर साल 18 टीमें शामिल होती हैं, जिनमें से आखिरी दो को निकल कर द्वितीय श्रेणी के सेकंड बुंडेसलीगा में जाना पड़ता है. अगले सीजन में सेकंड बुंडेसलीगा की दो टीमों को राष्ट्रीय लीग मुकाबले यानी बुंडेसलीगा में मौका मिल जाता है. ऊपर की दो टीमें यूरोप की सबसे प्रतिष्ठित लीग मुकाबले चैंपियंस लीग में खेलती हैं, जबकि तीसरी टीम भी चैंपियंस लीग क्वालीफाइंग मुकाबला जीत कर उसमें हिस्सा ले सकती है. चौथे और पांचवें नंबर की टीम यूरोप की दूसरी सबसे प्रतिष्ठित लीग मुकाबले यूरोपा कप में खेलती है.

सीजन के आखिरी मैच में डॉर्टमुंड के कप्तान रोमान वाइडेनफेलर ने करीब 80,000 दर्शकों के सामने बुंडेसलीगा ट्रॉफी उठाई. दूसरी तरफ आइनट्राख्ट फ्रैंकफर्ट की टीम को बढ़त लेने के बाद भी मायूसी हाथ लगी और वह सेंट पाउली के साथ बुंडेसलीगा से छंट गई.

तस्वीर: dapd

फ्रैंकफर्ट की टीम के खिलाड़ी को खेल के पहले मिनट में ही रेड कार्ड दिखाया गया, जिससे टीम के बॉस हेरीबर्ट ब्रुकहागन का दिल टूट गया, "मैंने उम्मीद लगा रखी थी लेकिन रेड कार्ड मिलते ही मुझे पता चल गया. अब हम अगले सीजन की प्लानिंग करेंगे और उम्मीद करते हैं कि सिर्फ एक साल में हम वापस आ जाएंगे." फ्रैंकफर्ट के 34 अंक हैं, जो 16वें नंबर के म्युनचेन ग्लाडबाख की टीम से सिर्फ दो कम हैं.

बायर लेवरकूजन की टीम ने फ्राइबुर्ग पर 1-0 से जीत हासिल करने के साथ ही बुंडेसलीगा में दूसरा स्थान हासिल कर लिया और इस तरह चैंपियंस लीग में उसकी जगह पक्की हो गई है. जर्मनी की सबसे कामयाब और नामी टीम बायर्न म्यूनिख इस साल तीसरे नंबर पर ही आ सकी. इस तरह चैंपियंस लीग में खेलने के लिए उसे क्वालीफाइंग मुकाबला जीतना होगा.

चौथे नंबर पर हनोवर की टीम रही, जिसे यूरोप के दूसरे सबसे नामी लीग मुकाबले यूरोपा कप में खेलने की जगह मिल गई है. हनोवर ने न्यूरेमबर्ग को 3-1 से पराजित किया. माइन्ज की टीम को सेंट पाउली पर 2-1 की जीत मिली, जिसके साथ उसका भी यूरोपा कप में खेलना पक्का हो गया है.

2009 की बुंडेसलीगा चैंपियन टीम वोल्फ्सबुर्ग इस साल गलत वजहों से सुर्खियों में रही. हॉफेनहाइम के खिलाफ मैच में जब ब्राजील के खिलाड़ी डियागो को शुरू में नहीं उतारा गया, तो वह रूठ कर बाहर चले गए. इस साल वोल्फ्सबुर्ग 38 अंकों के साथ सिर्फ 15वां स्थान ही हासिल कर पाया और किसी तरह बुंडेसलीगा में अपनी जगह बचाने में कामयाब रहा.

पिछले साल शानदार प्रदर्शन करने वाली शाल्के की टीम भी इस साल निठल्ली साबित हुई और बुंडेसलीगा में 40 अंकों के साथ 14वें नंबर पर रही. अपने कप्तान मानुअल नॉयर की वजह से शाल्के बेहद चर्चित रही है. इस साल उसने चैंपियंस लीग के सेमीफाइनल तक में जगह बनाई, जिसमें उसे मैनचेस्टर यूनाइटेड के हाथों हारना पड़ा. लेकिन इस दौरान नॉयर की खूब तारीफ हुई. वैसे इस साल वह क्लब छोड़ कर जा रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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