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वित्त व्यवस्था में भरोसा क़ायम करना प्राथमिकता

१६ मार्च २००९

जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में आर्थिक संकट से मुक़ाबले के लिए ग्राहकों और वित्तीय संस्थाओं के भरोसे को वित्त व्यवस्था में क़ायम करने पर सहमति बनी है. सभी देशों का मानना है कि लगातार प्रयास करने की ज़रूरत है.

वित्तीय संकट से मुक़ाबले के लिए साथ-साथतस्वीर: AP

वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि दुनिया को आर्थिक प्रगति के रास्ते पर फिर से ले जाने के लिए जी-20 देश कटिबद्ध हैं. जी-20 देशों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को और धन मुहैया कराने पर सहमति बनी है. इस बैठक के दौरान ऐसी रिपोर्टें आती रहीं कि आर्थिक संकट से मुक़ाबले के मुद्दे पर सभी देश एकमत नहीं है.

मंदी से उबरने के लिए 'समन्वित प्रयासों' की ज़रूरततस्वीर: AP

अप्रैल महीने में लंदन में जी-20 देशों के नेताओं की शिखर वार्ता होनी है और उससे पहले वार्ता में प्रमुख बिन्दुओं पर चर्चा हो रही है. वित्त मंत्रियों की बैठक में जिन मुद्दों पर सहमति होगी उन्हें फिर अप्रैल की शिखर वार्ता में अमली जामा पहनाया जाएगा.

संयुक्त घोषणापत्र में संरक्षणवाद से लड़ने और बैंकिंग व्वस्था में उधार देने की प्रक्रिया को फिर से सुचारू करने की बात कही गई है. वित्त मंत्री आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज को जारी रखने और ब्याज दरों को कम रखने पर रज़ामंद हुए हैं. लेकिन मतभेद भी हैं.

जर्मनी के वित्त मंत्री पीयर श्टाइनब्रुक और कुछ अन्य यूरोपीय देशों का मानना है कि अरबों डॉलर वित्त व्यवस्था में झोंके तो जा रहे हैं लेकिन इससे सरकार का घाटा भी बढ़ रहा है. इसलिए उनकी राय में ज़रूरी है कि पहले जारी हुए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेजों का बाज़ार में असर दिखना चाहिए और उसके बाद ही नए पैकेज को लाया जाना चाहिए.

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