यूरोपीय संघ की एक अदालत ने जर्मनी से कहा है कि अगर विदेशी छात्र यूरोप में आने की सभी अनिवार्यताएं पूरी करते हैं तो उन्हें वीजा दिया जाना चाहिए. जर्मनी में पढ़ने की इच्छा रखने वाले छात्र के लिए यह फैसला अहम है.
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यह फैसला मोहम्मद अली बेन आलया के मुकदमे में दिया गया है. ट्यूनीशिया के छात्र जर्मनी में पले बढ़े हैं. 1995 में वह जर्मनी छोड़ कर ट्यूनीशिया के स्कूल में पढ़ने चले गए. 2010 में स्नातक की उपाधि पूरी होने के बाद उन्हें डॉर्टमुंड की तकनीकी यूनिवर्सिटी में गणित की पढ़ाई के लिए जगह मिली और उन्होंने कई बार जर्मनी के लिए विजा का आवेदन किया.
लेकिन उन्हें यह कहते हुए देश में नहीं आने दिया गया कि उनका रिजल्ट अच्छा नहीं है और कोर्स शुरू होने से पहले वह जरूरी जर्मन नहीं सीख सकेंगे. बेन आलया केस बर्लिन की प्रशासनिक अदालत में दर्ज किया गया जिसे लक्जेम्बर्ग की यूरोपीयन संघ की अदालत को भेज दिया.
अब यूरोपीयाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि उन्हें जर्मनी में पढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए. यह एक ऐसा फैसला है जिसने सभी विदेशी छात्रों के लिए एक उम्मीद जगाई है. 'द लोकल' वेबसाइट से बातचीत में विदेशी छात्र संघ (बीएएस) के योहानेस ग्लेम्बेक ने कहा, "इस फैसले का हमेशा स्वागत किया जाएगा. हमें लगातार ऐसी रिपोर्टें मिल रही हैं कि छात्रों को इसलिए लौटा दिया जा रहा है कि अधिकारियों को उनकी योग्यता, उम्र या फिर भाषा के स्तर के आधार पर अकल्पनीय लग रही है. एक मामले में एक पाकिस्तानी व्यक्ति तो मास्टर्स की पढ़ाई के लिए वीजा देने से इसलिए इनकार कर दिया गया क्योंकि उसकी बैचलर की पढ़ाई और मास्टर्स का विषय अलग अलग था. इस तरह का निर्णय लेने में वह कैसे काबिल हैं?"
वीजा अधिकारियों की मनमानी
बेन आलया के मामले में बर्लिन की अदालत जानना चाहती थी कि क्या अधिकारी उनका वीजा तब भी खारिज कर सकते हैं जब उन्होंने यूरोपीय संघ के बाहर से आने वाले छात्रों के लिए बने 2004 के यूरोपीय आयोग दिशानिर्देश की न्यूनतम शर्तें पूरी कर दी हों. वीजा मामलों के अधिकारी अभी भी अपने आप फैसला लेते हैं, भले ही आवेदक ने जरूरी न्यूनतम मानदंड पूरे कर लिए हों.
'द लोकल' वेबसाइट के मुताबिक यूरोपीय कोर्ट ने फैसला दिया है कि अगर छात्र निर्देशों के मुताबिक सभी मानदंडों पर खरे उतरते हैं, तो उन्हें वीजा दिया जाना चाहिए, बशर्ते वह जन नीति, सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए किसी तरह का खतरा न पैदा करें.
जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में कहा, "सरकार ने यूरोपीय संघ अदालत का फैसला नोट कर लिया है. सरकार फैसले की जांच करेगी और पता लगाएगी कि जर्मनी के प्रशासन में इसे कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है."
जर्मनी के लोकप्रिय विश्वविद्यालय
विदेशी छात्रों को जर्मन विश्वविद्यालयों में पढ़ना पसंद है. विदेशी छात्रों के बीच अंग्रेजी कोर्स वाले लोकप्रिय विश्वविद्यालयों में टॉप टेन.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
कोलोन यूनिवर्सिटी (10)
कार्निवाल के शहर कोलोन की यूनिवर्सिटी लोकप्रियता में 10वें नंबर पर है. पड़ोसी यूरोपीय देशों के बहुत से छात्र यहां आते हैं. यह भारतीय छात्रों में भी लोकप्रिय है. कोलोन से एम्सटरडम, ब्रसेल्स और पेरिस के लिए सीधी ट्रेनें और बसें हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
गोएथे यूनिवर्सिटी, फ्रैंकफर्ट (9)
जर्मनी के मशहूर लेखक योहान वोल्फगांग फॉन गोएथे के नाम वाली यह यूनिवर्सिटी फ्रैंकफर्ट माइन में है. यहां जर्मनी का बैंकिंग सेक्टर होने के कारण काफी संभावनाएं हैं. यहीं यूरोपीय केंद्रीय बैंक का मुख्यालय भी है. यहां कई देशों के लोग रहते हैं.
तस्वीर: Goethe Universität Frankfurt
डुइसबुर्ग एसेन यूनिवर्सिटी (8)
37,000 छात्रों के साथ यह विश्वविद्यालय जर्मनी के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में एक है. 2003 में एसेन और डुइसबुर्ग यूनिवर्सिटी के मिलने से यह विश्वविद्यालय बना है. यह इलाका जर्मनी की सबसे घनी आबादी वाला इलाका है.
तस्वीर: Klaus Lemke/SSC
हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी (7)
1386 में बनी यह यूनिवर्सिटी जर्मनी की सबसे पुरानी है. यहां विदेशी छात्र आना बहुत पसंद करते हैं. सुंदर शहर वाली इस यूनिवर्सिटी में मेडिसिन से लेकर इंडोलॉजी तक कई विषयों की पढ़ाई होती है. यहां का पुराना शहर अभी भी पूरी तरह संरक्षित है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
हुम्बोल्ट यूनिवर्सिटी, बर्लिन (6)
यह भी जर्मनी के पुराने विश्वविद्यालयों में एक है. यहां पढ़ाई करने वाले मशहूर छात्रों में जर्मनी के चांसलर ऑटो फॉन बिस्मार्क, लेखक हाइनरिष हाइने और चिकित्सक रोबेर्ट कॉख शामिल हैं. लोकप्रियता में छठे नंबर वाले इस विश्वविद्यालय का बहुत नाम है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
टेकनिकल यूनिवर्सिटी, बर्लिन (5)
छात्रों का सबसे पसंदीदा शहर अगर कोई है तो वह एकीकृत जर्मनी की राजधानी बर्लिन है. यहां अंग्रेजी में एक से एक इंजीनियरिंग कोर्स हैं. यहां रहने का खर्चा दूसरे यूरोपीय शहरों की तुलना में काफी कम है.
तस्वीर: TU Berlin/Dahl
आखेन यूनिवर्सिटी (4)
आखेन बेल्जियम और नीदरलैंड्स के साथ लगने वाली जर्मन सीमा पर बसा शहर है. आरडबल्यूटीएच विश्वविद्यालय का मोटो है, भविष्य की सोच. जर्मनी में इस यूनिवर्सिटी की काफी प्रतिष्ठा है.
तस्वीर: Peter Winandy
तकनीकी यूनिवर्सिटी, म्यूनिख (3)
बवेरिया की राजधानी म्यूनिख की तकनीकी यूनिवर्सिटी सबसे बढ़िया विश्वविद्यालयों में एक मानी जाती है. यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक 2013 में यहां का हर पांचवां छात्र विदेशी था.
तस्वीर: Albert Scharger
लुडविष माक्सिमिलियान यूनिवर्सिटी (2)
म्यूनिख की एलएमयू यूनिवर्सिटी जर्मनी के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में एक है. 34 नोबेल पुरस्कार विजेता इस यूनिवर्सिटी से संबद्ध रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
फ्री यूनिवर्सिटी, बर्लिन (1)
बर्लिन की एफयू शहर के पश्चिमी हिस्से में 1948 में शुरू की गई थी. विभाजित शहर के पूर्वी हिस्से की हुम्बोल्ट यूनिवर्सिटी की तुलना में पश्चिम की ये यूनिवर्सिटी फ्री वर्ल्ड का हिस्सा थी.