1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

विदेशी मीडिया को चीन सरकार की चेतावनी

२६ फ़रवरी २०११

चीन में मिस्र की तर्ज पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों की सुगबुगाहट के बीच सरकार ने विदेशी मीडियो को चेतावनी दी है. उन्हें देश के प्रेस कानूनों का पालन करने की हिदायत दी गई है खास तौर से स्थानीय लोगों से बात करने में.

तस्वीर: DW

चीन सरकार के पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के एक अधिकारी ने बीजिंग में भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई को फोन कर कहा कि विदेशी संवाददाताओँ को सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा. इसके साथ ही बिना इजाजत किसी का भी इंटरव्यू करने से मना किया गया है. अधिकारी ने ये नहीं बताया कि इंटरव्यू की अनुमति प्रशासन से लेनी होगी या फिर उस व्यक्ति से जिसका इंटरव्यू किया जाना है.

तस्वीर: DW

पीटीआई संवाददाता ने जब ये पूछा कि क्या वांगफुजिंग या थियानमेन चौक के आसपास जाने पर भी पाबंदी है, पीएसबी अधिकारी ने कहा विदेशी संवाददाता कहीं भी जा सकते हैं लेकिन उन्हें नियमों का पालन करना होगा. वागंफुजिंग से प्रदर्शनकारियों की एक वेबसाइट बक्सॉन डॉट कॉम ने लोगों को प्रदर्शन शुरू करने को कहा है जबकि थियानमेन चौक पर 1989 में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे.

फॉरेन कॉरस्पॉन्डेंट्स क्लब ऑफ चीन की वेबसाइट पर जानकारी दी गई है कि कई विदेशी पत्रकारों को पीएसबी अधिकारियों ने फोन कर प्रेस कानूनों का पालन करने की हिदायत दी है. पिछले रविवार को बीजिंग में वांगुफुजिंग के पास मैक्डॉनल्ड के रेस्तरां के सामने चल रहे विरोध प्रदर्शन को कवर करने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी पत्रकार जमा हो गए. इसके बाद ही चीन सरकार की तरफ से चेतावनी देने की कार्रवाई हुई है. यहां अमेरिकी राजदूत जॉन हंड्समैन भी अपनी गोद ली हुई चीनी और भारतीय बेटियों के साथ मौजूद थे. हालांकि अमेरिकी अधिकारी लगातार इस बात की सफाई दे रहें हैं कि हंट्समैन वहां संयोगवश पहुंच गए थे. हंट्समैन ने अब अगले अणेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उम्मीदवारी हासिल करने के लिए राजदूत के पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद चीनी सेंसर ने इंटरनेट पर उनका नाम ब्लॉक कर दिया है. कुछ वेबसाइटों पर एक विडियो भी दिखाई जा रही है जिसमें हंट्समैन को एक अनजान शख्स से धाराप्रवाह चीनी भाषा में बात करते दिखाया गया है.

बक्सॉन डॉट कॉम विदेश में रह रहे प्रदर्शनकारियों के गुट से जुड़ा है जिसने चीन के कई शहरों में विरोध प्रदर्शनों की अपील की है. जेल में बंद विद्रोही नेता लियु चियापाओ को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने के बाद से चीनी सरकार के कान खड़े हो गए हैं. ट्यूनीशिया, मिस्र, लीबिया और दूसरे अरब देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों की खबरों को चीनी सरकार ने चीनी वेबसाइटों और ब्लॉग पर दिखाए जाने से रोक दिया है. हालांकि अंग्रेजी भाषा की वेबसाइटें इन खबरो को दिखा रही हैं.

दो दिन पहले चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शेन जिपिंग ने पश्चिमी ताकतों पर चीन में एक पार्टी की सरकार के खिलाफ संकट खड़ी करने का आरोप लगाया.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उ भ

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें