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विद्रोहियों की मदद करेंगे नाटो सैन्य सलाहकार

२० अप्रैल २०११

फ्रांस की सरकार ने कहा है कि उसने लीबिया के पूर्वी हिस्से में अपने सैनिक सलाहकार भेज दिए हैं. इससे पहले विद्रोहियों ने पश्चिमी देशों से थल सैनिक भेजने की मांग की थी.

मिस्राता की स्थितितस्वीर: picture alliance / dpa

मिस्राता में विद्रोहियों की हालत और बुरी हो रही है. लीबियाई प्रमुख गद्दाफी की सेना लगातार मिस्राता पर गोलीबारी कर रही है. हजारों लोग इलाके से भाग कर सुरक्षित जगहों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच फ्रांस में विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने कहा कि फ्रांस की सरकार ने बेनगाजी में सीमित संख्या में अपने संपर्क अफसर भेजे हैं जो विद्रोहियों की अस्थाई राष्ट्रीय परिषद के साथ एक मिशन पर काम करेंगे.

फ्रांसीसी सरकार के प्रवक्ता फ्रांसोया बारोआं ने कहा कि दस से भी कम अफसर भेजे गए हैं. उन्होंने फ्रांस के इस रुख की फिर से पुष्टि की किसी भी रूप में लीबिया में थल सैनिक नहीं भेजे जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि लीबिया में व्यापक हस्तक्षेप के लिए उनका देश सुरक्षा परिषद के नए प्रत्यादेश की कोशिश नहीं करेगा.

सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में लीबिया के आम नागरिकों की रक्षा के लिए ताकत के प्रयोग की अनुमति दी गई है, लेकिन साथ ही विदेशी कब्जावर सेना की संभावना को स्पष्ट रूप से खारिज किया गया है.

इससे पहले ब्रिटेन ने कहा था कि विद्रोहियों को संगठित करने में मदद के लिए वह सलाहकार भेजेगा. ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने कहा था कि उनका देश पूर्वी लीबिया में 12 सैनिक सलाहकार भेजेगा, लेकिन वे विद्रोहियों को प्रशिक्षण नहीं देंगे. बीबीसी को उन्होंने बताया कि लीबिया पर थल सैनिक हमला नहीं किया जाएगा.

इसी प्रकार इटली के रक्षा मंत्री इग्नात्सियो ला रुसा ने कहा है कि उनका देश विद्रोहियों की मदद के लिए दस सैनिक सलाहकार भेजेगा. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि विद्रोहियों को प्रशिक्षण देना पड़ेगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एम जी

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