विद्रोही को मिलेगा ओलंपिक पदक
३१ अक्टूबर २०१२कांस्य पदक के लिए जापान और कोरिया के बीच हुए मैच में 2-0 की जीत के बाद पार्क जोंग-वू ने वेम्बली में एक तख्ती का प्रदर्शन किया था जिसमें दोनों देशों के बीच इलाकाई विवाद का संकेत था. इसके बाद पार्क को पदक समारोह में भाग नहीं लेने दिया गया. लेकिन अब उन्हें एक सर्टिफिकेट मिला है जिसमें कहा गया है कि उन्हें पदक मिलेगा. कोरिया फुटबॉल एसोसिएशन ने इसकी पुष्टि की है.
पार्क जोंग-वू की तख्ती पर लिखा था, "डोडको हमारा इलाका है." इस तख्ती ने ओलंपिक में हंगामा कराया और उसकी वजह से विवाद भी हुआ. पार्क को यह तख्ती किसी फैन ने दी थी. घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ फीफा ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी. लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने उनके मेडल पर दस्तखत कर दिए हैं.
कोरिया फुटबॉल संघ ने कहा है कि उसे कोरिया ओलंपिक समिति ने मंगलवार को सर्टिफिकेट सौंपे. इसमें पार्क जोंग-वू का सर्टिफिकेट भी शामिल है. अनुशासनात्मक कार्रवाई के मामले में फीफा अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है.
कोरियाई फुटबॉल संघ ने पार्क की कार्रवाई को आवेग में उठाया गया कदम बताया, लेकिन जापानी सहयोगियों से माफी नहीं मांगी है. इसके विपरीत दक्षिण कोरिया के सेनाधिकारियों ने पार्क को हिम्मती बताया है. लंदन ओलंपिक में कांसे का पदक जीतने के कारण सेना ने पार्क और उनकी टीम के सदस्यों को अनिवार्य सैनिक सेवा से मुक्ति दे दी.
प्रशांत महासागर के इस विवादास्पद द्वीप पर दक्षिण कोरिया का कब्जा है, लेकिन जापान भी उस पर दावा करता है. यह द्वीप दोनों देशों से समान दूरी पर है और माना जाता है कि वहां अरबों डॉलर का खनिज गैस भंडार है.
एमजे/ओएसजे (रॉयटर्स)