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विद्रोह या बेकारी का खेल

महेश झा३० जनवरी २०१५

मनमोहन सिंह की सरकार में पर्यावरण मंत्री रही जयंती नटराजन की सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी ने सोशल मीडिया में हंगामा मचा रखा है. यह राहुल गांधी के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह है या शासन में नहीं रहने पर बेकारी का खेल.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

नटराजन की चिट्ठी के बाद कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी के नेतृत्व पर तो सवाल उठे ही हैं, पार्टी के संचालन और मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्रियों के दायित्व पर भी सवाल उठ रहे हैं.

नटराजन की चिट्ठी दिल्ली के विधान सभा चुनावों को भी प्रभावित कर सकती है. उन्होंने आरोप लगाया है कि अजय माकन ने उन्हें मोदी के खिलाफ जासूसी वाले मामले पर सख्त बयान देने को कहा. माकन इस समय दिल्ली चुनावों में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं जबकि बीजेपी मोदी के नाम पर राजधानी की जनता से वोट मांग रही है.

स्वाभाविक है कि बीजेपी और उसके समर्थक इसका इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के खिलाफ कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कांग्रेस को खत्म करने का नारा दे रखा है.

दूसरी ओर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी पूरे भारत में अपना पैर पसारने की कोशिश कर रही है. तमिलनाडु जैसे प्रांतों में भी जहां दशकों से द्रविड़ पार्टियों का वर्चस्व रहा है. नटराजन की चिट्ठी में मोदी के मामले का जिक्र इस संदेह को हवा दे सकता है कि वह बीजेपी की ओर अपने दरवाजे खुले रखना चाहती है. तमिलनाडु में कांग्रेस पहले से ही कलह का शिकार है.

कांग्रेस पार्टी के इस अंदरूनी कलह और बीजेपी की फायदा उठाने की कोशिश की वजह से होने वाली बहस का असर पर्यावरण संरक्षण में जुड़े और औद्योगिक परियोजनाओं का विरोध कर रहे पर्यावरण संस्थाओं पर भी पड़ सकता है. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि वे भ्रष्टाचार के सिलसिले में इस खत की जांच कर रहे हैं.

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