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विनेश फोगाट के लिए वजन कितनी बड़ी चुनौती थी

रामांशी मिश्रा | आयुष यादव
९ अगस्त २०२४

पेरिस ओलंपिक में बड़ी कामयाबी के बाद विनेश फोगाट के अयोग्य होने से खिलाड़ियों के वजन का महत्व पता चला है. वजन बढ़ाना, घटाना और एक स्तर पर रखना खिलाड़ियों के लिए कितना मुश्किल है. क्या विनेश फोगाट से कोई चूक हुई?

पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में जीत का जश्न मनातीं विनेश फोगाट
विनेश फोगाट को दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आखिरी समय में मुकाबले के लिए अयोग्य करार दिया गयातस्वीर: LUIS ROBAYO/AFP/Getty Images

पेरिस ओलंपिक में महिला कुश्ती के मुकाबले में पहली बार फाइनल में पहुंची भारतीय रेसलर विनेश फोगाट बढ़े हुए वजन के चलते डिसक्वालीफाई हो गईं. विनेश अच्छा प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बना चुकी थीं लेकिन निर्धारित सीमा से वजन 100 ग्राम ज्यादा होने पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया. यह खबर ना सिर्फ विनेश बल्कि पूरे भारत के लिए बड़ा अफसोस लेकर आई. इससे ओलंपिक में भारत का मेडल तो कम हुआ ही एक खिलाड़ी के रूप में विनेश फोगाट को बहुत बड़ी निराशा मिली. इसके अगले दिन ही उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया. 

वजन के मामले में विनेश ने पहले भी चुनौतियां झेली हैं. रियो ओलंपिक 2016 में उन्हें 48 किलोग्राम भार वर्ग के लिए अपना वजन कम करना पड़ा था. हालांकि चोट के कारण वह मुकाबले से जल्दी बाहर हो गई थीं. 

टोक्यो ओलंपिक 2020 में विनेश 53 किलोग्राम भार वर्ग में खेलीं लेकिन क्वार्टर फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पेरिस ओलंपिक 2024 में उन्होंने 50 किलोग्राम भार वर्ग में खेलने का फैसला किया, लेकिन अंत में बढ़े हुए वजन के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.

विनेश फोगाट को अपने वजन की चुनौती का अंदाजा पहले भी था. अप्रैल 2024 में उन्होंने कहा था, "मुझे अपने वजन को बेहतर तरीके से मैनेज करना होगा. मैंने लंबे वक्त के बाद अपना वजन कम करके 50 किलो किया है.” 

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वजन मापने की प्रक्रिया

कुश्ती में एक भार वर्ग के सभी मुकाबले दो दिन में कराए जाते हैं. इस दौरान एक रेसलर का दोनों दिन सुबह वजन मापा जाता है. पहले दिन के वजन के लिए 30 मिनट का समय दिया जाता है. इस 30 मिनट में कई बार वजन चेक किया जा सकता है. 

दूसरे दिन वजन के लिए सिर्फ 15 मिनट का समय दिया जाता है और वजन मापने के बाद खिलाड़ियों का मेडिकल चेकअप किया जाता है. वजन के दौरान पहलवान सिर्फ कुश्ती का कॉस्ट्यूम ही पहन सकते हैं.

विनेश फोगाट ने एक ही दिन में तीन बड़े मुकाबलों में जीत का परचम लहराया थातस्वीर: Dan Mullan/Getty Images

रेसलिंग के अलावा बॉक्सिंग में भी खिलाड़ी कई बार अपनी वेट कैटेगरी बदलते हैं और उन्हें भी मैच से पहले अपना वजन करवाना पड़ता है. पूर्व ओलंपियन और बॉक्सर विजेंदर सिंह ने डीडब्ल्यू से कहा, "2019 में न्यूयॉर्क में प्रोफेशनल बॉक्सिंग के मुकाबले से पहले मेरा पांच किलो वजन बढ़ गया था इसलिए मैंने पूरी रात कड़ी एक्सरसाइज की और मैच से पहले वजन घटा लिया.”

इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर दिनशॉ परडीवाला का भी कहना है कि वजन कम करना या इसमें कटौती करना एनर्जी में कमी की वजह बनता है. विनेश ने लगातार तीन मुकाबले खेले थे और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए उन्हें पानी देना पड़ा, जिससे उनका वजन बढ़ गया.

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पानी से बढ़ सकता है वजन

हमारे शरीर का वजन मांसपेशियों, हड्डियों, वसा और पानी से मिलकर बना होता है. इसी के आधार पर शरीर का कुल वजन मापा जा सकता है. विनेश हमेशा 53 किलोग्राम की श्रेणी में ही खेली हैं लेकिन इस बार उन्हें 50 किलोग्राम की श्रेणी में खेलना पड़ा, जिसके लिए उन्हें अपना वजन कम करना था. 

नासिक में सत्वा न्यूट्रिकेयर की संस्थापक और डाइटिशियन हिमानी पुरी कहती हैं, "बाउट के बाद उनका दो किलो वजन जो बढ़ा, वह पानी के कारण है क्योंकि अपनी प्रतिस्पर्धा के बाद खिलाड़ी को पानी दिया जाता है जिसे मांसपेशियां सोखती हैं और वजन बढ़ता है. इसी वजह से व्यायाम के जरिए पसीना बहा कर ही पानी को शरीर से कम कर वजन घटाया जा सकता है.”

वजन पर नियंत्रण नहीं रख पाने की वजह से कई खिलाड़ियों का करियर प्रभावित हुआ हैतस्वीर: LUIS ROBAYO/AFP/Getty Images

वजन की नियमितता के बारे में केजीएमयू के स्पोर्ट्स इंजरी विभाग के प्रमुख डॉ. अभिषेक अग्रवाल बताते हैं, "खिलाड़ियों के लिए सबसे जरूरी उनकी कंसिस्टेंसी और हाइड्रेशन का ध्यान रखना है, क्योंकि वजन कम करने के लिए शरीर से वॉटर लॉस ही एकमात्र उपाय है लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि अगर शरीर से पानी अधिक मात्रा में कम हो जाए तो खिलाड़ी की जान पर खतरा हो सकता है.” 

वजन घटाने के तरीके 

मंगलवार को बाउट जीतने के बाद विनेश का वजन लगभग दो किलोग्राम बढ़ गया था. वजन बढ़ना आसान है, लेकिन जल्दी घटाना मुश्किल होता है. इस बारे में एम्स नई दिल्ली के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर नवल विक्रम कहते हैं, "खेल में न्यूट्रीशन का सबसे बड़ा और अहम किरदार होता है. वजन घटाने में खाने की मात्रा और ऊर्जा की खपत दो मुख्य बातें होती हैं. या तो आप खाना कम खाएं और या फिर अपनी एनर्जी एक्सपेंडिचर को बढ़ा लें या फिर दोनों पर एक साथ काम करें, वजन इसी तरह से कम किया जा सकता है.” 

विनेश ने भी वजन घटाने के लिए स्किपिंग, दौड़ समेत कुछ अन्य व्यायाम और एक्सरसाइज की थी ताकि उनका वजन कम हो सके. इससे कुछ हद तक वजन कम हुआ भी लेकिन फिर भी वो मानक के अनुसार अपना वजन 50 किलोग्राम तक नहीं रख पाईं.

डिहाइड्रेशन खतरनाक 

वजन कम करने की जद्दोजहद में विनेश को डिहाइड्रेशन के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. इससे उबरना आसान है और यह खतरनाक भी है. इस पर नई दिल्ली की क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट इशी खोसला कहती हैं, "दिल के सही से धड़कने के लिए शरीर में मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है. वजन कम करने में व्यायाम के दौरान अधिक पसीना बहता है. इस दौरान पसीने के साथ मैग्नीशियम और पोटेशियम अधिक निकल जाए तो कार्डियक अरेस्ट और एरिथमिया हो सकता है जिससे खिलाड़ी की जान भी जा सकती है.”

भारत की मीराबाई चानू को भी एक किलोग्नाम वजन कम उठाने वजह से पदक नहीं मिला था, उस वक्त उनके पीरियड चल रह थेतस्वीर: Bradley Collyer/picture alliance

महिलाओं में बोन हेल्थ यानी हड्डियों का स्वास्थ्य अहम होता है. इस पर हिमानी ने बताया, "किसी महिला खिलाड़ी को जब वजन कम करना हो तो ऐसे में डाइटीशियन और न्यूट्रीशनिस्ट इस बात का खास ख्याल रखते हैं कि खिलाड़ी का बोन हेल्थ और मसल्स हेल्थ प्रभावित ना हो क्योंकि इसके प्रभावित होने से खिलाड़ी को चोट लगने की आशंका बढ़ जाती है.”

हार्मोनल बदलाव भी जिम्मेदार

महिला खिलाड़ियों में हार्मोनल बदलाव भी होते हैं.इशी बताती हैं कि महिलाओं में माहवारी के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का स्राव होता है. माहवारी से पहले उनका हल्का वजन बढ़ सकता है. खानपान में बदलाव हो जाता है. ऐसे में इस पहलू को भी ध्यान में रखा जा सकता है.

भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू जो 49 किलोग्राम भार वर्ग में मात्र एक किलोग्राम वजन कम उठाने की वजह से पदक चूक गईं, उनका कहना था कि प्रतियोगिता के दिन उनके माहवारी का तीसरा दिन था जिसकी वजह से वो थोड़ा कमजोरी महसूस कर रही थीं और उसका असर उनके खेल पर पड़ा.

मानसिक तनाव का असर

ओलंपिक के कुछ खेलों में वजन का प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन कुछ खेलों में जरा सा वजन बढ़ना भी खिलाड़ियों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है. हार जाने के डर से कभी-कभी खिलाड़ी रिटायरमेंट, तनाव, अवसाद और यहां तक आत्महत्या तक का कदम उठा सकते हैं. 

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में मानसिक रोग चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर सुजीत कुमार कहते हैं, "एक खिलाड़ी के तौर पर देश की उम्मीद और दुनिया की नजरें उनके प्रदर्शन पर टिकी होती है तो ऐसे में मेंटल स्ट्रेस स्वाभाविक है. स्ट्रेस बढ़ने पर कॉर्टिसोल हार्मोन का स्त्राव बढ़ जाता है जिसकी वजह से वजन बढ़ सकता है.”

खेलों में पीरियड्स पर बात करना जरूरी

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प्रो. सुजीत बताते हैं कि विनेश का प्रदर्शन इस बार ओलंपिक में बेहतरीन रहा, इस लिहाज से उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा कि वजन के कारण वह डिसक्वालीफाई हो सकती हैं, तो इसके लिए उन्होंने कभी मानसिक तौर पर तैयारी भी नहीं की होगी. ऐसे में उनको मॉरल ट्रॉमा होने की आशंका भी है.

क्या कहते हैं नियम

ओलपिंक के नियमों के अनुसार यदि कोई रेसलर निर्धारित वजन से ज्यादा पाया जाएगा तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. इस मसले पर यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग चीफ का कहना है कि खिलाड़ियों का नियमों का सम्मान करना चाहिए. सभी खिलाड़ी नियमों के बारे में जानते हैं. विनेश के साथ जो भी हुआ वो सही नहीं था लेकिन नियमों के तहत उन्हें ना तो मेडल दिया जा सकता था और ना ही खेलने की इजाजत.

विनेश ने अयोग्य घोषित होने के मामले में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में अपील की है. इस अपील में उन्होंने संयुक्त तौर पर सिल्वर मेडल की मांग की है. हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं आया है. अयोग्य घोषित किए जाने के अगले ही दिन विनेश ने कुश्ती छोड़ने का फैसला कर लिया. 

इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा, ''मां, कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई. माफ करना. आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके. इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती 2001-2024. आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी.''

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