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विरोधी हितों का सम्मेलन रहा जी20

८ जुलाई २०१७

हैम्बर्ग में जी20 सम्मेलन समाप्त हो गया. हैम्बर्ग अत्यधिक हिंसा और परस्पर विरोधी हितों का शिखर सम्मेलन था. एक कामयाब शिखर सम्मेलन कुछ अलग दिखता है. लेकिन डॉयचे वेले की डागमार एंगेल का कहना है कि नतीजे और बुरे हो सकते थे.

Deutschland Hamburg - G-20
तस्वीर: Reuters/K. Nietfeld

जी20 में हालात और खराब हो सकते थे. मेरा मतलब बर्बर दंगों से नहीं है, वहां तो और बुरा हो ही नहीं सकता था. हिंसा, बर्बादी, लूटपाट और वह भी ऐसे पैमाने पर जिससे जर्मनी अंजान है.

हालात और खराब हो सकते थे, जहां तक 19 देशों और यूरोपीय संघ की बैठक के नतीजों का सवाल है. अगर आप एकमत से समापन घोषणा तैयार करना चाहते हों तो इस बैठक के भागीदारों की केवल लिस्ट ही पसीने छुड़ाने के लिए काफी है. वहां मेज पर असली डेमोक्रैट, निरंकुश शासकों और मानवाधिकारों का हनन करने वालों के साथ बैठे थे. कुछ के कुर्ते सफेद हैं तो कुछ के गले तक भ्रष्टाचार के मुकदमे लटक रहे हैं. इनमें एक नाम ट्रंप भी था और जो अपने अमेरिका फर्स्ट नीति के साथ अतिरिक्त तनाव की वजह था.

तस्वीर: Getty Images/U. Michael

लक्ष्य हासिल

इन परिस्थितियों में शिखर सम्मेलन के नतीजों से संतुष्ट हुआ जा सकता है. आश्चर्यजनक रूप से सब सहमत थे कि संरक्षणवाद को अस्वीकार करते हैं. जिसे लगता है कि उसके साथ गलत हो रहा है उसे सुरक्षा में विश्व व्यापार संगठन के नियमों का पालन करना चाहिए. ये बहुपक्षवाद का समर्थन है जैसा कि जर्मन चांसलर चाहती थीं. ये उनकी कामयाबी भी है. फ्रांसीसी और रूसी राष्ट्रपतियों ने उनकी तारीफ भी की.

जहां तक पर्यावरण के मुद्दे का सवाल है तो आपको समापन दस्तावेज में कहीं कामयाबी देखने के लिए उसका उस्ताद होना चाहिए. घोषणा में साफ साफ लिखा है कि अमेरिका पेरिस समझौते से बाहर हो रहा है. जी20 के इतिहास में पहली बार असहमति घोषणापत्र का हिस्सा है. बहरहाल बाकी 19 एकमत से पेरिस समझौते के साथ हैं. जैसा कि मैंने कहा, हालात और बुरे हो सकते थे.

तस्वीर: Reuters/K.Ozer

नाकाम हुए

लेकिन आजकल के दिनों में ये काफी नहीं है. महिलाओं की हिस्सेदारी बेहतर बनाने, अफ्रीका के साथ नया समझौता, आईलर्निंग की पहल जैसे अच्छे विचार ही काफी नहीं हैं. हैम्बर्ग में जी20 को भूमंडलीकरण को नया चेहरा देने में सफलता नहीं मिली. दुनिया भर में बहुत से लोग सोचते हैं कि विश्व अर्थव्यवस्था सबकी खुशहाली के लिए नहीं बल्कि कुछ लोगों की समृद्धि पर लक्षित है. अंगेला मैर्केल ने शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर कहा कि सम्मेलन  से पहले और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान नागरिक समाज की गतिविधियों ने योगदान दिया और उसका असर हुआ. हालांकि यह देखने में नहीं आया. जी20 का विकास नहीं हुआ, वह लोगों के करीब नहीं आया. सम्मेलन से पहले मैर्केल पर आरोप लगा था कि वह चुनाव के साल में अंतरराष्ट्रीय तौर पर सफल नेता की तस्वीर बनाना चाहती हैं.

लेकिन हैम्बर्ग के प्रतीक वाली तस्वीरें कुछ और हैं.

डागमार एंगेल

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