विवाहेत्तर संबंधों पर इंडोनेशिया लगा सकता है प्रतिबंध
२९ जनवरी २०१८कार्यकर्ताओं को डर है कि यह कानून देश के समलैंगिक समुदायों को निशाना बना सकता है. संसदीय आयोग ने पुराने आपराधिक कानून में बदलाव करने के सुझाव पेश किए हैं जिन्हें अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. लेकिन समाचार एजेंसी रॉयटर्स का दावा है कि मसौदे में विवाहेत्तर संबंध और समलैंगिक संबंधों को कानून के दायरे में लाने की बात कही गई है. दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में व्याभिचार (एडल्ट्री) को पहले से ही अपराध माना जाता है.
पिछले महीने इंडोनेशिया की संवैधानिक अदालत ने एक रुढ़िवादी संस्था फैमिली लव एलायंस की इस मसले से जुड़ी याचिका खारिज कर दी थी. संगठन का कहना था कि देश का बड़ा धड़ा ऐसे मामलों में अपनी यही राय रखता है. संसदीय आयोग धार्मिक विद्वानों, कानूनी विशेषज्ञों और अधिकार समूहों के साथ इस बारे में विचार विमर्श कर रहा है कि कैसे विवाहेत्तर संबंध से जुड़े मामले में देश की आपराधिक संहिता को बदला जाए. समलैंगिक संबंधों को नाजायज मानने वाले राजनीतिक दल इसका समर्थन कर रहे हैं.
राष्ट्रवादी दल, इंडोनेशियन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ स्ट्रगल के एक नेता जुनीमार्ट गिर्सांग ने कहा कि यह देश समलैंगिक संबंधों को स्वीकार नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, "न धार्मिक, न कानूनी और न ही नैतिक आधार पर इसे देश में मंजूर किया जाएगा." गिर्सांग इस मसौदे को तैयार करने वाले संसदीय आयोग के सदस्य है. हालांकि इंडोनेशिया के कुछ नेताओं ने देश के एलजीबीटी समुदाय के लिए आवाज उठाई है. उन्हें डर है कि इसका असर देश में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनावों पर पड़ सकता है.
पिछले कई सालों से इंडोनेशिया की संसद में भ्रष्टाचार, सेक्स और शराब जैसे मुद्दों पर कानून तय करने को लेकर बहस होती रही है. लेकिन हालिया घटनाक्रम देखने के बाद संभावना जताई जा रही है कि आने वाले कुछ हफ्तों में देश में इन मसलों से जुड़ा कोई कानून पारित हो जाएगा. अधिकार समूहों का कहना है कि अगर इस तरह का प्रस्ताव पारित हो जाता है तो पुलिस के लिए गोपनीयता के कानून का उल्लघंन किए बिना कार्रवाई करना मुश्किल होगा जो सामाजिक विकास को बाधा पहुंचा सकता है. कार्यकर्ताओं को ये भी डर है कि इस कानून के चलते देश के एलजीबीटी समुदाय को निशाना बनाया जा सकता है. हाल में एक सर्वे में कहा गया था कि 90 फीसदी इंडोनेशियाई लोग मानते हैं कि समलैंगिक रिश्ते उनके धर्म के खिलाफ है.
एए/एके (रॉयटर्स)