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वीजा विवाद के बाद कनाडा से नाराज भारत

२७ मई २०१०

भारतीय सेना के अधिकारियों को कनाडा का वीज़ा न दिए जाने पर गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है और कहा है कि मामले को सख्ती से कनाडा के उच्चायोग के सामने उठाया जाए.

तस्वीर: picture-alliance/chromorange

गृह मंत्रालय चाहता है कि कनाडा का उच्चायोग माफी मांगे और जो अधिकारी इस तरह के व्यवहार के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कदम उठाए जाएं. कनाडा ने सैन्य बल ट्रिब्यूनल के एक सदस्य, तीन ब्रिगेडियरों, एक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल और एक पूर्व वरिष्ठ आईबी अधिकारी को यह कहते हुए वीज़ा देने से इनकार कर दिया कि उनके संगठन हिंसा में शामिल रहे हैं.

एक मौजूदा आईबी अधिकारी को अगले महीने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कनाडा यात्रा के सिलसिले में टोरंटो जाने की जिम्मेदारी दी गई लेकिन उसे भी वीज़ा देने से इनकार कर दिया गया. जब सरकार ने विरोध जताया तो वीज़ा दे दिया गया.

पिछले दो सालों में कई भारतीय अधिकारियों को कनाडा की तरफ से वीज़ा न दिए जाने की घटनाओं से गृह मंत्रालय बेहद नाराज़ है और भारत सरकार ने चेतावनी दी है कि वह भी जवाबी कदम के तौर पर कनाडा के उन नागरिकों को वीज़ा देने से इनकार कर देगी जो भारत होकर अफगानिस्तान जाते हैं. चंडीगढ़ में सशस्त्र सैन्य ट्रिब्यूनल के सदस्य लेफ्टिनेंट (रिटायर्ड) एएस बाहिया को इसी महीने वीज़ा देने से इनकार कर दिया गया. वजह यह बताई गई कि वह जम्मू कश्मीर में "संवेदनशील जगह" पर तैनात थे.

इस बीच पता चला है कि 2008 और 2009 में भी दो ब्रिगेडियरों को वीज़ा नहीं दिया गया. इनके अलावा एक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल आरएन भाटिया को भी 2008 में वीज़ा देने से मना कर दिया गया. आईबी के एक रिटायर्ड अफसर एसएस सिद्धू को भी इसी साल 26 मार्च को वीज़ा नहीं दिया गया. रिजेक्शन लेटर में कहा गया कि उन्होंने आईबी जैसे संगठन के लिए काम किया जिससे यह चिंता पैदा होती है कि वह जासूसी या हिंसा जैसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं जिससे कनाडा में रहने वाले लोगों की जान को खतरा हो सकता है.

सिद्धू का कहना है कि कनाडा जैसे मित्र देश की तरफ से ऐसा जवाब घिनौना है और यह भारत का अपमान है. उनका कहना है कि वह तो सिर्फ अपनी बेटी का नया घर देखने के लिए कनाडा जाना चाहते थे. चार दिन पहले भी बीएसएफ के एक रिटायर्ड कांस्टेबल को वीज़ा न दिए जाने का मामला सामने आया है. उसे वीज़ा न देने की भी यही वजह बताई गई.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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