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वीडियो की वजह से नहीं गया मिस म्यांमार का ताज!

४ अक्टूबर २०१७

इंटरनेट पर एक खबर चर्चा में रही कि मिस म्यांमार ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया, जिसकी वजह से उनका ताज छीन लिया गया. इस मसले पर आयोजकों ने सफाई दी है.

Miss grand Myanmar 2017, Shwe Eain Si
तस्वीर: facebook/shweedwards

मिस म्यांमार के आयोजकों ने इस बात से इंकार किया है कि श्वे इन सी का मिस म्यांमार का ताज रोहिंग्या मुद्दे पर वीडियो बनाने की वजह से छीना गया है.

श्वे इन सी ने अपने फेसबुक पर रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर अपनी राय रखी थी. उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों ने दुनिया को ऐसा यकीन दिलाया कि वे सबसे पीड़ित हैं, जबकि यह धोखा है. उन्होंने रोहिंग्या चरमपंथियों पर आरोप भी लगाते हुए उन्हें हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया था. इस वीडियो में स्थानीय लोगों के शव दिखाये गये थे जिनकी हत्या का आरोप चरमपंथी रोहिंग्या मुसलमानों पर लगाया था.

आयोजकों के शुरुआती बयान में कहा गया था कि श्वे इन सी ने "करार की शर्तों का उल्लंघन" किया है. लेकिन रोहिंग्या मुसलमानों की फेसबुक पोस्ट के बाद ताज छिनने की वजह से यह मुद्दा सुर्खियों में आ गया. कई लोगों ने इस बात के लिए आयोजकों की आलोचना भी की कि एक नागरिक के तौर पर अपना मत रखने से किसी को कैसे रोका जा सकता है. 

कड़ी आलोचना के बीच अपने अगले बयान में आयोजकों ने कहा कि ताज छिनने का यह फैसला किसी भी तरह से उस रखाइन वीडियो से संबंधित नहीं है. दूसरे बयान में आयोजकों ने उसी फेसबुक वीडियो की तारीफ भी की. उन्होंने कहा," फेसबुक पर पोस्ट किया गया वीडियो अच्छा था. और बेहतर होता अगर वो और अच्छे से बना होता."

हालांकि, इस पूरे मामले में श्वे इन सी ने दावा किया है उनसे मिस म्यांमार का खिताब इसीलिए छीना गया है क्योंकि उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर अपना पक्ष रखा.

म्यांमार के रखाइन प्रांत में 5 लाख से भी ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान रह रहे थे. म्यांमार रोहिंग्या मुसलमानों को लगातार अवैध शरणार्थी कहता आया है  और उन्हें कभी म्यांमार की नागरिकता नहीं दी है. इस साल के अगस्त माह में म्यांमार सेना और रोहिंग्या मुसलमानों के बीच हुई हिंसा के बाद लगभग 4 लाख रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश पहंचे हैं.

एसएस/एनआर(डीपीए)

 

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