कश्मीर के गुलमर्ग इलाके में ओवेन लैंसबरी और डैव मैर्शी के साथ स्कीईंग कर रहे थे. ओवेन, गाइड डैव के पीछे थे और उनके हेल्मेट पर कैमरा लगा था. ढलान पर नीचे फिसलते हुए ओवेन को अचानक भारी बर्फ के बीच एक सुनहरा जीव दिखा. थोड़ी देर बाद वो जीव हिलने लगा. तब ओवेन और डैव को पता चला कि यह तो दुर्लभ हिम तेंदुआ है.
ओवेन के कैमरे से हिम तेंदुए को कैद कर लिया. बेहद शर्मीले हिम तेंदुए ने स्कीईंग करते इंसानों को देख पहले ऊपर भागने को कोशिश की लेकिन बर्फ ज्यादा होने के कारण वो ऐसा नहीं कर सका. इसके बाद शर्मीला हिम तेंदुआ तेजी से नीचे की ओर भाग गया.
फेसबुक पर यह वीडियो पोस्ट करने के बाद ओवन ने लिखा, "मैंने गुलमर्ग में स्कीईंग के दौरान कई तेंदुए देखे हैं, लेकिन हिम तेंदुआ कभी नहीं देखा था."
मैर्सी के मुताबिक उन्होंने पहले हिम तेंदुए को देखा और ओवेन को आवाज लगाकर रुकने को कहा. हिम तेंदुआ उन्हें देखकर बर्फ में छुपने की कोशिश कर रहा था.
हिम तेंदुए लुप्त होने के कगार पर हैं. इनके बारे में वैज्ञानिकों को अब भी बहुत ही कम जानकारी है. बीते दशकों में फर के चलते इनका अंधाधुंध शिकार हुआ. हिम तेंदुआ भारत, नेपाल, चीन, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, रूस और मंगोलिया समेत सिर्फ 12 देशों में पाया जाता है.
कर्नाटक में मैसूर के पास मशहूर नागरहोल नेशनल पार्क तरह तरह के जानवरों की पनाहगाह है. यूनेस्को भी इसे ऐतिहासिक धरोहर मानता है. देखते हैं यहां के कुछ खूबसूरत जानवरों को.
तस्वीर: UNIभारत में शिकार ने तेंदुओं की पूरी प्रजाति को संकट में डाल दिया है. 1994 से 2000 के बीच करीब 3000 तेंदुओं का शिकार कर लिया गया. लेकिन अगर उन्हें ऐसे माहौल में रखा जाए, तो उन्हें बचाया जा सकता है.
तस्वीर: UNIखूबसूरत चितकबरे धब्बों वाले हिरणों को चीतल कहा जाता है. भारत में पाई जाने वाली कई प्रजातियों में चीतल भी एक है. यह भी शिकार से बुरी तरह प्रभावित प्रजाति है. यह दक्षिण एशिया के दूसरे देशों में भी मिलता है.
तस्वीर: UNIआम तौर पर चीतल झुंडों में चरते हैं. साथ पानी पीने जाते हैं. आम तौर पर ये आवाज नहीं करते और चुपचाप अपना चारा चरते रहते हैं. लेकिन अगर खतरा नजर आ जाए, तो गोली की रफ्तार से कुलांचे भर सकते हैं.
तस्वीर: UNIइन जानवरों को सबसे ज्यादा खतरा इंसानों से है. यूं तो ये नरभक्षी जानवरों की खुराक हैं लेकिन कई बार शिकार के चंगुल में भी फंस जाते हैं. पश्चिमी देशों में सड़क हादसों में भी कई हिरणें मारे जाते हैं.
तस्वीर: UNIभारत में कई प्रजातियों के हिरण पाए जाते हैं, जिनमें चीतल और सांबर सबसे सामान्य हैं. हालांकि कभी कभी काला हिरण और कस्तूरी मृग भी नजर आ जाते हैं, जो विलुप्त होती प्रजाति के हैं.
तस्वीर: UNIजानवरों के साथ पक्षियों के लिए भी नागरहोल में काफी जगह है. पश्चिमी घाट के किनारे बना यह राष्ट्रीय पार्क मौसम के लिहाज से भी अच्छा है. यहीं विशाल वृक्ष की शाखा पर आराम फरमाता एक लाल पांडा.
तस्वीर: UNIयह परिंदा जरूर सोचता होगा कि आखिर इंसानों को उसमें क्या खराबी नजर आई, जो ऐसा मुहावरा बना दिया. उल्लू सबसे समझदार पक्षियों में गिना जाता है.
तस्वीर: UNIये प्रवासी पक्षियां हैं, जो कहीं दूर से उड़ कर नागरहोल तक पहुंची हैं. बस कुछ दिन का ठिकाना है, फिर उड़ जाना है.
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