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वीडियो गेमिंग भी आम लतों में शामिल

३१ दिसम्बर २०१२

लत की बात होती है तो अक्सर सिगरेट या शराब की तस्वीर सामने आती है. अब वीडियो गेम खेलना भी सिगरेट और जुआखोरी जैसी प्रमुख लतों की कतार में शुमार होने लगा है.

तस्वीर: AP/Activision Publishing

ऑस्ट्रेलिया के 28 वर्षीय ओकान काया को कॉल ऑफ ड्यूटी से सचमुच प्यार है. नवम्बर में उन्होंने 122 घंटे तक यह ब्लॉकबस्टर गेम खेलकर विश्व रिकॉर्ड बनाया और सबसे ज्यादा समय तक वीडियो गेम खेलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में शामिल हो गए. वे कुल मिलाकर 135 घंटे खेलते रहे, बीच बीच में छोटे ब्रेक लिए. वे कहते हैं, "मैं बहुत बड़ा फैन हूं. मैं इस सीरीज को वर्ल्ड वार के दिनों से खेल रहा हूं और इससे बेहद प्यार करता हूं."

सबूत दिखाते हैं कि वीडियो गेम खेलना जुआ खेलने जैसा नशा हो सकता है. जुलाई में ताइवान में डियावोलो थ्री का एक फैन इंटरनेट कैफे में 40 घंटे तक खेलने के बाद बेहोश होकर गिर पड़ा और मर गया.

कॉल ऑफ ड्यूटीतस्वीर: Activision

ऑस्ट्रेलियाई नेशनल यूनिवर्सिटी में काम करने वाली मनोवैज्ञानिक ओलिविया मेटकाफ ने इस बात ठोस सबूत जुटाए हैं कि वीडियो गेम खेलना लत बन जाती है. अपने रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने जो वॉलंटियर इकट्ठा किए उनमें एक तबका लत पकड़ चुके लोगों का था, दूसरा नियमित रूप से खेलने वालों का जिन्हें कोई लत नहीं थी. तीसरा नियंत्रण वाला तबका ऐसे लोगों का था जो खेलते नहीं हैं. वीडियो गेम से जुड़े शब्दों पर उनकी प्रतिक्रिया जांची गई.

ओलिविया मेटकाफ कहती हैं, "हमने पाया कि बहुत ज्यादा वीडियो गेम खेलने वाले शख्स का ध्यान देने वाला तंत्र खेल से जुड़ी जानकारी को प्राथमिकता देता है." मेटकाफ बताती हैं कि यदि वे खेल के बारे में नहीं भी सोचना चाहते हों तो वे अपने आप को रोकने में सक्षम नहीं होते. मनोविज्ञान में इस तरह की प्रवृति को ध्यान देने का पूर्वाग्रह कहा जाता है. ओलिविया का कहना है कि यह प्रवृति हेरोईन, तंबाकू, शराब या जुआखोरी के लत वाले लोगों में सामान्य होती है. इसे लत लगने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कारक माना जाता है.

नशा करने वाली चीजों या बर्ताव के साथ विशेष किस्म के जोखिम जुड़े होते हैं. मनोवैज्ञानिक मेटकाफ कहती हैं, "बहुत ज्यादा वीडियो गेम खेलने का खास पहलू इस पर गुजारा जाने वाला समय है." तो क्या बहुत ज्यादा समय तक वीडियो गेम खेलते रहना इसकी लत लगाता है? मेटकाफ ऐसा नहीं मानती, "अधिकांश लोग बिना किसी नतीजे के खेल का मजा लेते हैं, भले ही वे कुछ दिनों के लिए लंबे समय तक खेलते रहते हैं."

खेल का नशातस्वीर: picture-alliance/dpa

विश्व चैंपियन ओकान काया चैन की सांस ले सकते हैं. देर देर तक मॉनीटर के सामने बैठने भर से वीडियो गेम की लत नहीं लग जाती. मेटकाफ कहती हैं, "यह इसलिए नहीं होता कि कुछ काम आप लगातार कर रहे हैं. जब लत पड़ रही होती है तो आपके ध्यान देने वाले तंत्र में, आपके दिमाग में कुछ बदल जाता है."

जर्मनी में स्लॉट मशीनों पर खेलने की लत बड़ी समस्या है. विशेषज्ञ लत के मामले में इसे किसी भी दूसरी लॉटरी से ज्यादा खतरनाक मानते हैं. म्यूनिख के थेरापी शोध संस्थान के अनुसार जर्मनी में ढाई लाख लोगों को स्लॉट मशीनों पर खेलने की लत है. इसमें मशीन में पैसा डाला जाता है और मशीन कुछ देर में घूम कर या तो कुछ इनाम दे देती है या पैसा मशीन में ही रह जाता है. खेलने वालों के लिए नतीजा अक्सर कर्ज में डूबना होता है. उसकी वजह से कुछ लोग पैसा जुटाने के लिए अपराध करते हैं जबकि कुछ आत्महत्या में समाधान ढूंढते हैं.

जर्मनी में 2006 से 2011 के बीच स्लॉट मशीनों की संख्या 1.8 लाख से बढ़कर 2.4 लाख हो गई है. इससे होने वाली आमदनी इन पांच वर्षों में दोगुनी होकर 4 अरब यूरो हो गई है. जर्मनी की नशा विरोधी अधिकारी ने खेलने की लत से लोगों की सुरक्षा के लिए कानूनों को सख्त करने की मांग की है,

एमजे/एनआर (डीपीए)

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