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वीडियो गेम दूर करेगा मोटापा

७ दिसम्बर २०१०

अमेरिकी बच्चों में मोटापे की बढ़ती समस्या के लिए खाने पीने की गलत आदतों को जिम्मेदार माना जाता है. अब एक नई स्टडी कहती है कि वीडियो गेम के जरिए बच्चों को पौष्टिक खाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है.

फास्ट फूड भी मोटापे की वजहतस्वीर: AP

अमेरिका में छह से 19 साल की उम्र के हर पांच लोगों में एक मोटापे का शिकार है. वहां हुई यह स्टडी कहती है कि जो बच्चे ब्लैक ओप्स जैसे हिंसक वीडियो गेम्स की बजाय कुछ निश्चित 'गंभीर' वीडियो गेम खेलते हैं, वे अपने खाने में फल और सब्जियां ज्यादा लेते हैं.

अमेरिकन जरनल ऑफ प्रीवेंटिव मेडिसीन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक फल और सब्जियों से मोटापे का जोखिम कम होता है. स्टडी करने वाली टीम के प्रमुख और बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसीन के प्रोफेसर टॉम बारानोव्स्की कहते हैं कि इस्केप फ्रॉम डायब और नैनोस्वार्म जैसे गेम खेलने वालों को अपने खाने पीने की आदतों को सुधारने के लिए प्रेरित करते हैं. ये गेम डाइट और शारीरिक गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए हैं जिससे मोटापे और डायबिटीज का खतरा कम होता है.

तस्वीर: picture alliance/dpa

वह कहते हैं, "डायब और नैनोस्वार्म को दूसरे व्यावसायिक वीडियो गेम से अलग तरह डिजाइन किया गया है. इनमें विविध व्यवहार की प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है. साथ ही उनसे जुड़े दिलचस्प कहानियां भी हैं."

इन गेम्स को कई बार खेलने के बाद खाने पीने की आदतें बदलती हैं और फल और सब्जियां खाने में अहम होने लगते हैं. लेकिन खाने के साथ कसरत भी बेहद जरूरी है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चे दिन में पांच बार फल और सब्जियां खाते हैं तो उन्हें एक घंटे भारी भरकम नहीं तो हल्की फुल्की कसरत करनी चाहिए. बारानोव्स्की कहते हैं, "गंभीर वीडियो गेम वादा तो करते हैं लेकिन युवाओं पर उनका किस तरह का असर पड़ रहा है, इस बात की छानबीन होनी चाहिए."

अमेरिका में मोटापे के शिकार बच्चों की संख्या पिछले 30 साल में तीन गुनी हो गई है. जानकार इसकी वजह संतुलित और पौष्टिक खाने की कमी को बताते हैं. पैक्ड खाने के बढ़ते चलन और टीवी देखने और वीडियो गेम में ज्यादा वक्त बिताने को भी इसकी समझा जाता है. अगर बच्चे बचपन में ही मोटापे का शिकार हो जाते हैं तो कई बार आगे चल कर भी यह परेशानी उनका पीछा नहीं छोड़ती. इसके कारण वे डायबटीज, दिल की बीमारी और लीवर का आकार बढ़ने जैसी समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं. स्टडी के मुताबिक किसी अन्य कारण से उनकी जल्द मौत हो जाने का जोखिम भी बढ़ता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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