वीडियो गेम में बदलती महिलाएं
११ अक्टूबर २०१३अस्सी के दशक में जब सुपर मारियो बाजार में आया तो लोगों को यह बात बहुत पसंद आई कि एक हीरो राजकुमारी को बचाने के लिए इतनी मशक्कत कर रहा है. और भी कई गेम्स में ऐसा ही होने लगा. लड़कियां इन गेम्स का हिस्सा तो बन गईं लेकिन मार काट के बीच उनकी छवि से कई लोगों को दिक्कत होने लगी.
गेम डिजाइनर कोर्नेलिया गेपर्ट और उनकी टीम इस छवि को बदलना चाहते हैं. बर्लिन में उनकी कंपनी 'यो माई' गेम्स के लिए आम से दिखने वाले किरदार बनाना चाहती है. कोर्नेलिया बताती हैं कि उनकी कंपनी में कई महिलाएं काम करती हैं और वे परंपरागत धारणाओं को और बढ़ावा नहीं देना चाहतीं .
उनकी कंपनी ने एक नया किरदार बनाया है, जो एक नए ब्राउजर गेम 'ब्रेव लिटल बिस्टीज' का हिस्सा हैं. गेम को ज्यादातर महिलाएं खेल रही हैं. गेम के बारे में कोर्नेलिया का कहना है, "ऐसा भी नहीं है कि हम कभी कोई अच्छी फिगर वाली महिला नहीं दिखाएंगे. हम आम लोग चाहते हैं."
बदल रही है सोच
महिला ग्राहकों की संख्या बहुत बड़ी है और वे अब वर्चुअल गेमिंग में भी अपनी छाप छोड़ रही है. जर्मनी के ढाई करोड़ गेमरों में से आधी महिलाएं हैं. वे सोशल नेटवर्किंग गेम्स सबसे ज्यादा पसंद करती हैं. लेकिन गेम्स डेवेलपर्स में केवल 20 प्रतिशत महिलाएं हैं और इस सेक्टर में और लोगों की जरूरत है.
गेम्स मेकअप जैसी वेबसाइटें महिला खिलाड़ियों और गेम्स डिजाइनरों के लिए हैं. उनका लक्ष्य नए डिजाइनर को अपने पास लाना है. बर्लिन की गेम डिजाइन अकादमी के पाट्रिक लेयरमन बताते हैं कि पुरुष धीरे धीरे महिलाओं से मिलने वाली चुनौती का सामना कर रहे हैं, "इन धारणाओं को अब आप पूरी तरह खारिज कर सकते हैं कि यह काम केवल पुरुषों का है. अब यह सोच बदल रही है और मुझे लगता है कि समाज अब ज्यादा अच्छे से इसे स्वीकार कर रहा है. ज्यादा से ज्यादा महिलाएं गेम्स खेल रही हैं." उनका कहना है कि महिलाओं की एक ऐसी नई पीढ़ी है जो अब जान रही है कि गेम्स बनाना एक अच्छा पेशा हो सकता है और यह केवल पढ़ाकू लड़कों की ही दुनिया नहीं है, जैसा कि पहले हुआ करता था.
यूरोप की दिग्गज सोशल गेम्स डेवलपर कंपनी वूगा काफी पहले ही समझ चुकी थी कि महिलाएं गेम मार्केट का अहम हिस्सा हैं. वूगा की नैन्सी वुट्के ने दुनिया भर में मशहूर गेम डायमंड डैश बनाया. इस कंपनी के 280 कर्मचारियों में एक तिहाई महिलाएं हैं. वूगा की डिजिटल दुनिया में हिंसा की कोई जगह नहीं है. उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य के गेमों में नए महिला किरदार के साथ आत्मीय अहसास के लिए भी जगह होगी.
रिपोर्ट: उलरीके डोएर/ओंकार सिंह जनौटी
संपादन: ईशा भाटिया