ये वाकई हैरान करने वाला है. दुनिया में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो दो मिनट के भीतर ट्रक का पंचर टायर बदल देते हैं. तीन मिनट के भीतर ड्राइवर चाहे तो आगे के सफर पर निकल सकता है. यकीन न आए तो इस वीडियो में देखें.
आपको हैरानी जरूरी हुई होगी लेकिन ऐसा खुद ट्राई न करें, कार में तो बिल्कुल भी नहीं. इस तरह टायर बदलने के लिए हुनर और बहुत ही चौड़े व भरोसेमंद जैक की जरूरत पड़ेगी. अगर टायर को उतारने या चढ़ाने में जैक फिसल गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे.
आम तौर कुछ देशों इसी ढंग से पंचर टायर बदला जाता है. लेकिन ट्यूब वाले टायर को इस ढंग से बदलना मुश्किल है. अगर ट्यूब वाले टायर को इस ढंग से बदलने की कोशिश की तो उसका वॉल्व खराब हो सकता है. रिम में टायर चढ़ाने के बाद ट्यूब डालना भी आसान नहीं होगा. भारत के ज्यादातर इलाकों में अब भी ट्यूब वाले टायर ही ज्यादा भरोसेमंद माने जाते हैं. उनका पंचर बनवाना आसान होता है और हर कोई पंचर लगा भी देता है. ट्यूबलेस टायर का पंचर बनाने के लिए अनुभव चाहिए. कई बार ट्यूबलेस टायर पंचर बनवाने के बाद भी धीरे धीरे हवा लीक कर एक महीने के भीतर खाली हो जाता है.
(देखिये: स्पीड लिमिट से ज्यादा तेज गाड़ी चलाने पर दुनिया के कई देशों में भारी जुर्माना और सजा के प्रावधान है. ट्रैफिक को ठीक रखने के लिए कई जगहों पर ढेर सारे कैमरे लगाए जाते हैं. एक नजर अलग अलग देशों के चालान पर.)
स्पीड लिमिट से ज्यादा तेज गाड़ी चलाने पर दुनिया के कई देशों में भारी जुर्माना और सजा के प्रावधान है. ट्रैफिक को ठीक रखने के लिए कई जगहों पर ढेर सारे कैमरे लगाए जाते हैं. एक नजर अलग अलग देशों के चालान पर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H. Tyagiशहर और गांवों में स्पीड लिमिट 50 किमी प्रतिघंटा, आबादी के बाहर मेन रोड पर 80 और हाईवे पर स्पीड लिमिट 100 किमी प्रतिघंटा है. लिमिट से डेढ़ गुना ज्यादा तेज गाड़ी चलाने पर लाइसेंस जब्त और 500 से 788 यूरो तक जुर्माना है. बहुत ही तेज गाड़ी चलाने पर जेल की सजा है.
तस्वीर: picture-alliance/ZBरिहाइशी इलाकों में 90, गैर रिहाइशी इलाकों में 130 और हाइवे पर 170 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से गाड़ी चलाने पर फ्रांस और मोनाको में लाइसेंस कुछ महीनों के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है. इससे भी तेज गाड़ी चलाने पर जेल की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है.
तस्वीर: APस्पेन में शहरों की चौड़ी सड़कों पर 50 किमी प्रतिघंटा. आबादी के बाहर मेन रोड पर 80 किलोमीटर प्रतिघंटा और हाईवे पर पर 120 किमी प्रतिघंटा स्पीड लिमिट है. अगर स्पीड लिमिट के ऊपर 21 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गाड़ी चलाई जाए तो जुर्माना देना पड़ता है. बहुत ही तेज गाड़ी चलाने पर जेल और भारी जुर्माना है.
तस्वीर: D.Garcia/AFP/GettyImagesरिहाइशी इलाकों में 50, गैर रिहाइशी इलाकों में 100 किमी प्रतिघंटा स्पीड लिमिट है. तयशुदा रफ्तार से 10 फीसदी से ज्यादा तेज गाड़ी चलाने पर जुर्माना है. बहुत तेज गाड़ी चलाने पर भारी जुर्माना और कुछ समय के लिए लाइसेंस जमा करना पड़ता है. हालांकि जर्मनी में हाईवे के कई हिस्से स्पीड फ्री भी हैं.
तस्वीर: picture alliance/APA/picturedesk.com/G. Eggenbergerरिहायशी इलाकों में 95, गैर रिहायशी इलाके में 145 और हाइवे पर 160 किमी की रफ्तार से गाड़ी चलाने पर यूनाइटेड किंगडम में भी लाइसेंस जब्त हो जाता है. 48, 96 और 112 की स्पीड लिमिट को 10 फीसदी पार करना चल जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaजोन 50 में 75 किमी प्रतिघंटा, जोन 80 में 110 किमी प्रतिघंटा और हाइवे पर 155 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से गाड़ी चलाई तो भारी जुर्माने के साथ लाइसेंस जमा हो जाएगा.
तस्वीर: picture-alliance/KEYSTONE/G.Ballyदेश में मुख्य तौर पर तीन तरह की स्पीड लिमिट है, 50, 80 और 120 किमी प्रतिघंटा. इसके जरा भी ऊपर जाते ही भारी जुर्माना है. अगर स्पीड 50 किमी प्रतिघंटा ज्यादा हो तो अथाह जुर्माने के साथ लाइसेंस जमा करना पड़ता है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/POLIZEIDIREKTION DRESDENदोनों देशों में स्पीड लिमिट 50, 90 और 130 है. स्पीड लिमिट से 40 किमी प्रतिघंटा ऊपर जाते ही भारी जुर्माना और लाइसेंस सस्पेंड हो जाता है.
तस्वीर: picture alliance/ROPIदूर दूर तक स्पीड बताने वाले साइन बोर्ड नहीं दिखते. दिखते भी हैं तो उन्हें कोई नहीं पूछता. वैसे कानूनी तौर पर भारत में ओवरस्पीडिंग के लिए दो तरह के चालान है, एक 300 रुपये का, दूसरा 1000 रुपये का. लाइसेंस को कुछ नहीं होता.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H. Tyagi