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वीडियो: समंदर की शक्ति

ओएसजे/एमजे१६ फ़रवरी २०१६

पानी के जहाज विशाल होते हैं. सबसे बड़ा जहाज करीब आधा किलोमीटर लंबा है. लेकिन समुद्री तूफान इतने विशाल ढांचे को भी ऐसी तैसी कर देता है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/I. Wagner

आधुनिक जहाजों में खराब मौसम और तूफान का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण होते हैं. लेकिन इनके बावजूद कप्तान और उनका दल कभी कभार समुद्री तूफानों में फंस ही जाता है. किसी भी कप्तान के लिए यह सबसे चुनौती भरा समय होता है.

तेज समुद्री तूफान अपनी शक्तिशाली लहरों से विशाल और करोड़ों टन वजनी पानी के जहाज को खिलौने की तरह उछालने लगता है. ऐसे भी मामले दर्ज किए गए हैं जब जहाज 30 फुट ऊपर तक उछल गया. उस उछाल के बाद जहाज जब वापस समुद्र से टकराता है तो वो निर्णायक पल होता है.

आम तौर पर जहाजों में कई जीवन रक्षक लाइफ बोटें होती हैं. उन नावों में कुछ दिनों के लिए खाना और पानी भी होता है. अगर चालक दल तूफान में बुरी तरह फंस जाए तो वह तटरक्षक बलों को आपातकालीन संदेश भेजता है.

हालांकि बेहतर तकनीक के चलते अब चालक दल को कम से कम 20 किलोमीटर पहले ही तूफान वाले इलाके का पता चल जाता है. नेवीगेशन की मदद से वो रास्ता बदल लेते हैं और तूफानी इलाके को पार कर फिर से अपने रूट पर लौट आते हैं.

लेकिन जरा सोचिए आज से 200 साल पहले लकड़ी की सामान्य नावों में नाविकों ने किस साहस के साथ समुद्र की यात्रा की होगी. तब न तो नेवीगेशन था और न ही मौसम बताने वाले उपकरण.

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