अक्सर कहा जाता है कि धरती का गर्म होना जारी रहा तो समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा. द्वीप डूब जाएंगे, घर पानी की भेंट चढ़ जाएंगे. बांग्लादेश में समुद्र ने एक घर को कैसे लीला, यह वीडियो सुना रहा है पूरी कहानी.
उस क्षण की तस्वीर कैद करना आसान नहीं होता, जब कोई अभूतपूर्व या अप्रत्याशित घटना घटती है. इस वीडियो में वह पल कैद है जब समुद्र ने एक मकान को अपने पेट में समा लिया और घर के बाशिंदे देखते ही रह गए.
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एकमंजिला इमारत समुद्र के किनारे है और समुद्र का बहाव धीरे धीरे मिट्टी काटता जा रहा है. एक समय आता है जब इमारत समुद्र में यूं धंस जाती है जैसे नीचे आधार नाम की कोई चीज नहीं.
इस वीडियो को यूट्यूब पर पोस्ट करने वाले जॉन वोडेन का कहना है कि पुलिस ने इलाके की नाकेबंदी कर दी ताकि लोग उस जगह तक न जा सकें. किसी के घायल होने की खबर नहीं है. हाल के एक अध्ययन में पाया गया है कि बांग्लादेश का जलस्तर पिछले सालों में 6 से 20 मिलीमीटर के दर से बढ़ा है. इस साल के अमेरिकी नौसेना के लिए किए गए एक अन्य अध्ययन के अनुसार बांग्लादेश में समुद्री जलस्तर में वृद्धि की मुख्य वजह इंसान द्वारा बाढ़ को रोकने के लिए बनाए गए बांध हैं.
गायब होता बांग्लादेशी द्वीप
समंदर में पानी का स्तर बढ़ने से बांग्लादेश के आशार चर के लोगों को घर छोड़ कर दूसरी जगह जाना पड़ रहा है. जलवायु परिवर्तन के कारण द्वीप का आकार छोटा हो गया है और लोगों की आजीविका के साधन घट गए हैं.
तस्वीर: DW/K.Hasan
डेंजर जोन
आशार चर, बंगाल की खाड़ी का एक द्वीप है. यह ऐसा इलाका है जो बहुत जल्दी और बहुत ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो जाता है.
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समंदर से जमीन पर
करीब 15-20 दिन समंदर में मछली पकड़ने के बाद शुरू होता मछुआरों का असली काम. मछलियों को जमीन पर ले जा कर सुखाना.
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जरूरत के मुताबिक
हर दिन छह साल का दानिश मछली पकड़ने जाता है. बाल मजदूरी इस समाज में व्यापक है. बच्चे को एक दिन का 40 टका मिलता है.
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काम वही, मजदूरी कम
महिलाएं भी आदमियों के साथ मिल कर आशार चर में मछलियां पकड़ती हैं. लेकिन दुनिया के कई हिस्सों की तरह उन्हें भी कम मजदूरी मिलती है.
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संकटमय जीवन
52 साल के करीम अली ने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ देखा है. एक बार तो उनके साथियों का अपहरण हो गया और वे कभी नहीं लौटे. जिंदगी का कोई भरोसा नहीं.
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जगह की जरूरत
यहां कमाई का इकलौता जरिया सूखी मछलियां हैं. आशार चर में मछली सुखाने के लिए जगह चाहिए. धुली मछलियों को ताड़ के मस्तूल सुखाया जाता है.
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दोस्त और दुश्मन
इस द्वीप के लोगों का जीवन बंगाल की खाड़ी से जुड़ा है. लेकिन इसी समंदर में उठे तूफानों और बाढ़ के कारण उनकी जिंदगियां बर्बाद भी होती है.
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गायब होती जमीन
ज्वार के कारण द्वीप का एक हिस्सा हर दिन पानी से भर जाता है. हर दिन फिशिंग फार्म और खेती की जमीन डूब जाती है.
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बच गए
2007 के चक्रवाती तूफान ने करीब सात लाख लोगों का जीवन तबाह कर दिया. अनुमान है कि मारे गए लोगों में से 40 फीसदी बच्चे थे.
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कोई मदद नहीं
मुश्किल हालात में जीते लोगों को सरकार से कभी कोई मदद नहीं मिलती है.