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वैज्ञानिकों को असली मोनालिसा की तलाश

१ मई २०११

रिसर्चरों की एक टीम उस महिला के अवशेष खोज रही है जो शायद लियोनार्दो दा विंची की मशहूर पेंटिंग मोनालिसा की प्रेरणा रही होगी. इससे उस राज से पर्दा उठ सकता है जो पांच सदियों से कला इतिहासकारों को चकित किए है.

लूव्र में मोनालिसातस्वीर: picture-alliance/maxppp

विशेषज्ञों की एक टीम ने विशेष रडार वाले उपकरणों से इटली के फ्लोरेंस इलाके में छानबीन शुरू कर दी है. माना जाता है कि मोनालिसा पेंटिंग में जिस महिला को चित्रित किया गया है, उसे 16वीं सदी में इसी इलाके में दफनाया गया. इटली के इतिहासकारों का मानना है कि मोनालिसा का असली नाम लीसा गेरारदीनी था जो फ्लोरेंस के एक रेशम व्यापारी फ्रांसेस्को देल गियोकोंदो की पत्नी थी. समझा जाता है कि गियोकोंदो ने ही अपनी पत्नी का चित्र बनवाया.

रहस्यमयी मुस्कान का राज?तस्वीर: picture-alliance/maxppp

रिसचर्रों का कहना है कि अगर उन्हें इस महिला की खोपड़ी मिल गई तो वे उसके चेहरे को आकार दे पाएंगे और इस तरह पेंटिंग से उसकी तुलना की जा सकेगी. मोनालिसा की असल पहचान और रहस्यमयी मुस्कान दुनिया भर के कला प्रेमियों के बीच कौतूहल पैदा करती है. फिलहाल मोनालिसा की पेंटिंग पैरिस के लूव्र संग्रालय में है. संग्रालय का कहना है कि यह कलाकृति 1503 से 1506 के बीच फ्लोरेंस में बनाई गई. यह या तो तब बनाई गई जब गेरारदीनी और उसके पति ने नया घर खरीदा या तब जब उनके दूसरे बेटे का जन्म हुआ.

रडार वाला उपकरण जमीन के नीचे मौजूद चीजों का पता लगा सकता है. वैज्ञानिक एक छोटे से चर्च के नीचे की जमीन की पड़ताल कर रहे हैं ताकि गेरारदीनी के अवशेषों की खोज के लिए खुदाई शुरू की जा सके. इस टीम के मुखिया सिल्वानो विनचेती का कहना है, "हमारे पास दस्तावेज हैं जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि गेरारदीनी को 1542 में इस इलाके में दफनाया गया."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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