अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन लोगों के वोट उन्हें ट्रंप के मुकाबला ज्यादा मिले.
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अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक क्लिंटन को 47.7 प्रतिशत वोट मिले हैं जबकि अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बनने जा रहे डॉनल्ड ट्रंप को 47.5 प्रतिशत वोट मिले. दोनों के बीच 219,762 वोटों का अंतर है. लेकिन अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की हार जीत का फैसला जनता के वोटों से नहीं, बल्कि निर्णायक मंडल के वोटों से होता है. किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए निर्णायक मंडल के 270 वोटों की जरूरत होती है और ट्रंप अब तक 290 वोट प्राप्त कर चुके हैं जबकि क्लिंटन के खाते में 228 वोट हैं.
हालांकि ट्रंप ने चार साल पहले ने इसी निर्णायक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज की आलोचना की थी. उन्होंने 2012 में ओबामा के हाथों रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी की हार के बाद ट्वीट किया था, "इलेक्टोरल कॉलेज लोकतंत्र को तबाह कर रहा है.”
ये होंगी अमेरिका के नए राष्ट्रपति की चुनौतियां
ये होंगी नए अमेरिकी राष्ट्रपति की चुनौतियां
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत डॉनल्ड ट्रंप की हुई है, आइए जानते हैं उनकी चुनौतियां क्या होंगी?
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अर्थव्यवस्था
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना नए अमेरिकी राष्ट्रपति की अहम प्राथमिकताओं में शामिल होगा. 2008 के आर्थिक संकट के असर से अब भी अमेरिकी मध्य और कामकाजी वर्ग आजाद नहीं हो पाया है.
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गैर कानूनी प्रवासी
मेक्सिको के अलावा मध्य और दक्षिणी अमेरिका से आने प्रवासी अमेरिका में एक बड़ा मुद्दा हैं. ट्रंप इन्हें रोकने के लिए मेक्सिको की सीमा पर दीवार लगाने की बात भी कह चुके हैं. वहीं कई लोग अर्थव्यवस्था में प्रवासियों के योगदान को सराहते हैं, हालांकि गैर कानूनी प्रवासियों को वो भी रोकने के हक में हैं.
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गन क्राइम
अमेरिका में गन कल्चर लगातार बहस का विषय रहा है. पुलिस और सेना के अलावा भी देश में लगभग 31 करोड़ बंदूकें हैं. अकसर अमेरिका में होने वाली गोलीबारी को गन कल्चर से जोड़ा जाता है. राष्ट्रपति ओबामा इस पर रोक लगाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं मिला.
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इस्लामी कट्टरपंथ और आतंकवाद
सीरिया, इराक, अफगानिस्तान और लीबिया से लेकर यूरोप तक में इस्लामी आतंकवाद ने हाल के सालों में हजारों लोगों की जानें ली हैं. इस्लामी आतकंवाद के चलते मध्य पूर्व में अशांति है और इसी कारण यूरोप प्रवासी संकट का सामना कर रहा है. इससे निपटना नए अमेरिकी राष्ट्रपति की बड़ी चुनौती होगी.
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जलवायु परिवर्तन
दुनिया के बढ़ते तापमान को किस तरह काबू किया जाए, ये चुनौती भी नए अमेरिका राष्ट्रपति के सामने होगी. अमेरिका में भी प्रदूषण और जंगलों के कटाव की समस्या बढ़ रही है.
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राजनयिक मोर्चा
नए अमेरिकी राष्ट्रपति को कूटनीतिक मोर्चे पर भी जूझना होगा. चीन और रूस के अलावा विश्व मंच पर उभर रहे नए समीकरणों की काट भी नए अमेरिकी राष्ट्रपति को तलाशनी होगी.
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जनता के डाले कुछ वोटों की गिनती होनी अभी बाकी है. अगर उनमें भी क्लिंटन की बढ़त बरकरार रहती है तो वो अल गोर के बाद पहली ऐसी उम्मीदवार होंगी जिन्हें अधिक लोकप्रिय वोट मिलने के बावजूद राष्ट्रपति पद नहीं मिला. 2000 में डेमोक्रैट उम्मीदवार अल गोर को जनता के अधिक वोट हासिल करने के बावजूद जॉर्ज बुश के हाथों झेलनी पड़ी थी.
अल गोर की हार से पहले 19वीं सदी में तीन अन्य उम्मीदवारों को भी इस तरह हार का सामना करना पड़ा था जिनमें एंड्रयू जैक्स, सैम्युएल टिलडेन और ग्रोवर क्लीवलैंड शामिल हैं. उन्होंने भी जनता के ज्यादा वोट मिलने के बावजूद राष्ट्रपति नहीं बनाया गया था.
एके/वीके (पीटीआई)
देखिए हैं ये दुनिया के सबसे बूढ़े शासक
सबसे बूढ़े शासक
70 वर्षीय ट्रंप अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. लेकिन दुनिया में उनसे भी ज्यादा उम्र के लोग राज कर रहे हैं.
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रॉबर्ट मुगाबे, जिम्बाब्वे
जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे की उम्र 93 साल है और वह दुनिया के सबसे उम्रदराज राष्ट्राध्यक्ष हैं. वो 22 दिसंबर 1987 से जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति हैं.
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महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, ब्रिटेन
महारानी एलिजाबेथ ने 6 फरवरी 1952 को गद्दी संभाली और इसी साल जब वो 90 साल की हुई तो ब्रिटेन में खूब जश्न मनाया गया.
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बेजी सैद एसेबसी, ट्यूनीशिया
ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति 89 साल के हैं. उन्होंने राष्ट्रपति पद 2014 में संभाला लेकिन सत्ता के गलियारों में उन्होंने 50 साल गुजारे हैं.
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अब्दुल हलीम ऑफ केडा
ये हैं मलेशिया के बादशाह, जिनकी उम्र 88 साल है. ये दुनिया में शायद सबसे लंबे नाम वाले राष्ट्राध्यक्ष हैं. इनका पूरा नाम है अल्मुतासिमु बिलाही मुहिब्बुद्दीन तौंकु अलहाज सर अब्दुल हलीम आदजाम शाह इब्नी अलमारहुम सुल्तान बदलीशाह.
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सबा अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबाह, कुवैत
उम्र है 87 साल और कुवैत के पांचवें आमिर यानी शासक हैं. उन्होंने 29 जनवरी 2006 में कुवैत की बागडोर संभाली थी.
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राउल कास्त्रो, क्यूबा
क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो भी सबसे ज्यादा उम्र वाले शासकों की फेहरिस्त में शामिल हैं. 85 साल के राउल कास्त्रो ने 2008 में अपने भाई फिदेल कास्त्रो से सत्ता मिली.
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पॉल बिया, कैमरून
अफ्रीकी देश कैमरून में 83 साल के पॉल बिया 6 नवंबर 1982 से सत्ता में हैं. उन पर चुनावों में धांधली कर तीन दशकों से सत्ता में बने हुए हैं.
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प्रणव मुखर्जी, भारत
भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी 80 साल के हैं और बतौर राष्ट्रपति उनका कार्यकाल अगले साल खत्म होगा. 2012 में राष्ट्रपति बनने से पहले वो विदेश, वित्त और रक्षा जैसे अहम मंत्रालय सभाल चुके थे.
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अकीहीतो, जापान
82 साल के जापानी सम्राट अकीहीतो ने हाल में गद्दी से हट जाने के संकेत दिए हैं. वो 1989 में अपने पिता हीरोहीतो की मौत के बाद सम्राट बने थे.
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सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद, सऊदी अरब
80 साल के सऊदी शाह सलमान ने शाह अब्दुल्ला की मौत के बाद जनवरी 2015 में राजगद्दी संभाली. दस साल तक सऊदी अरब पर राज करने वाले शाह सलमान का 90 साल की उम्र में 23 जनवरी 2015 को निधन हो गया.